व्यापार में बढ़ रहे अमानत में ख़यानत के मामले, दो कारोबारियों के करोड़ों रुपये फंसे!

आगरा, 14 नवम्बर। एक समय था, जब लोगों की जुबान की कीमत होती थी। मौखिक वायदों पर भरोसा करके लाखों रुपये के व्यापार और लेन-देन हो जाते थे। लेकिन समाज आते बदलाव के साथ ये भरोसा टूटता जा रहा है। व्यापारिक लेन-देन में नीयत बदलने और धमकी देने के मामलों में बढ़ोत्तरी होने लगी है।
संजय प्लेस में होम एप्लायंस का व्यापार करने वाली कंपनी के संचालक ने थाना हरिपर्वत में ई-कॉमर्स कंपनी आरजू पर लाखों रुपये हड़पने, धमकाने और मारपीट करने का मुकदमा दर्ज कराया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता भारत व्यवसाय प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आदित्य अग्रवाल ने मुकदमा लिखाते हुए कहा कि उन्हें आरजू कंपनी ने अक्टूबर से नवंबर 2023 के दौरान लगातार भरोसा दिया कि सप्लाई किए गए ई-कॉमर्स उत्पादों का भुगतान 30 दिनों में कर दिया जाएगा। साथ ही कंपनी ने 16 सितंबर से 15 नवंबर 2023 तक विशेष रिवॉर्ड स्कीम भी चलाई, जिसमें गोल्ड कॉइन, बैंकॉक–दुबई ट्रिप, बीएमडब्लू, टाटा टियागो कार जैसे इनाम देने का वादा किया गया।
आदित्य की कंपनी ने समय पर लगभग दो करोड़ रुपये के ऑर्डर पूरे कर दिए। लेकिन इसके बाद उन्हें कोई रिवॉर्ड नहीं दिया। ई कॉमर्स कंपनी ने 16,36,480 रुपये का भुगतान रोक लिया और 2,55,744 रुपये का एक खरीद ऑर्डर बिना कारण रद्द कर दिया। पीड़ित का कहना है कि कंपनी का इरादा शुरू से ही संदिग्ध था। आदित्य अग्रवाल जनवरी 2024 में जब वे भुगतान और रिवॉर्ड के बारे में बात करने कंपनी के बेंगलुरु ऑफिस पहुंचे, तो वहां डायरेक्टर हुसैनुद खान, रशिराज सिंह राठौर, सीनियर मैनेजर अनस रफ़त और दो अन्य कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की और दफ्तर से बाहर निकाल दिया। इस दौरान 14 जनवरी, 2024 को कंपनी के एक सेल्स मैनेजर ने संजय प्लेस में रोककर गाली-गलौज की, रकम मांगने पर धमकाया और जान से मारने की चेतावनी दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
होटल खरीदने के नाम पर 1.17 करोड़ 
रुपये लिए, अब लौटाने से इंकार 
अमानत में ख़यानत का एक और मामले में ट्रांस यमुना क्षेत्र के एक हॉस्पिटल के प्रबंधक से पूर्व के व्यापार में साझीदार रहे व्यक्ति ने महाराष्ट्र में होटल खरीदने के नाम पर 1.17 करोड़ रुपये ले लिए। बैनामा न होने पर जब पीड़ित ने रुपये मांगे तो उसे माफिया लारेंस विश्नोई का डर दिखाकर धमकाया गया। खबरों के अनुसार, कालिंदी विहार निवासी डॉ. रविंद्र सिंह बघेल जलेसर रोड पर आरबी हॉस्पीटल चलाते हैं। हॉस्पीटल में मैनेजर इनके बड़े भाई जरजोधन सिंह हैं। जरजोधन सिंह पहले पुणे में हलवाई का काम करते थे। वहां पर उनकी मित्रता रमेश कुकरामजी चौधरी से हुई। दोनों ने साथ मिलकर काम किया था। वर्ष 2023 सितंबर में रमेश ने फोन कर कहाकि पुणे में एक होटल बहुत कम रेट में मिल रहा है। होटल मालिक प्रॉपर्टी बेचकर अमेरिका जा रहा है। उसने फोन पर होटल की वीडियो भी दिखाई। उसने कहाकि दोनों मिलकर तीन करोड़ रुपये में होटल खरीद लेते हैं। जनवरी, 2024 में बैनामा करवा लेंगे। उन्होंने बातों में आकर एडवांस के तौर पर उमेश शरत व किरण राव चंद्र के खाते में 1.17 करोड़ रुपये दे दिए। जनवरी में जब बैनामा की बात कही तो आरोपी ने कहाकि होटल मालिक लापता हो गया है। पीड़ित परिवार ने रकम लौटाने की मांग की तो आरोपी ने डराया-धमकाया। हॉस्पिटल संचालक अपने रिश्तेदारों को लेकर पुणे गया। जहां पर आरोपी ने धमकी दी कि उमेश व रामचंद्र के पास मत जाना नहीं तो सबको मार देंगे। उन्होंने लॉरेंस विश्नोई से बात कर ली है। धमकी के डर से चुपचाप वापस आकर बैठ गए। अब उन्होंने आरोपियों के खिलाफ थाना ट्रांस यमुना में एफआईआर दर्ज कराई।
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