राष्ट्रपति के हाथों आगरा को मिला राष्ट्रीय जल पुरस्कार, नगर निगम को निकाय श्रेणी में देश में तीसरा स्थान, महापौर और नगर आयुक्त पुरस्कृत
आगरा, 18 नवम्बर। नगर निगम को छठवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में नगर निकाय श्रेणी में देश में तीसरा स्थान मिला है। मंगलवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल द्वारा आगरा की महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा व नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल को पुरस्कृत किया गया।
महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने बताया कि आगरा नगर निगम को नगर निकाय श्रेणी में देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। महापौर ने कहा कि नगर निगम लगातार विकसित भारत के विजन को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रहा है। इस क्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण, स्वच्छ हवा के बाद अब आगरा को जल प्रबंधन की दिशा में भी राष्ट्रीय स्तर पर अवॉर्ड मिला है। राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करना गौरवपूर्व पल थे। इसका श्रेय नगर निगम आगरा की टीम व आगरा की जनता जनार्दन को जाता है।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा जारी छठवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में नगर निकाय श्रेणी में पहला स्थान महाराष्ट्र के नवी मुंबई, दूसरा स्थान गुजरात के भावनगर और तीसरा स्थान उत्तर प्रदेश के आगरा व पश्चिम बंगाल के नबादीगंता को संयुक्त रूप से मिला।
आगरा नगर निगम ने स्मार्ट सिटी के तहत पानी बचाने की दिशा में बेहतर व्यवस्था तैयार की है। इसी व्यवस्था के तहत ताजगंज क्षेत्र के छह वार्ड और तीन गांव को 24 घंटे पानी देने के लिए योजना बनाई गई। इसके लिए - जीवनी मंडी वॉटर वर्क्स से ताजगंज तक 1200 एमएम की पानी की लाइन बिछाई गई। साथ ही यहां स्मार्ट मीटर स्काडा सिस्टम लगाया गया। इसके अलावा पानी की लीकेज को रोकने के लिए लीकेज - ट्रैकिंग सिस्टम लगाया गया। इस सिस्टम में जगह-जगह पर मीटर लगाए जाते हैं, जो प्रेशर के बारे में जानकारी देते हैं। इससे अगर कहीं पानी का लीकेज होता है तो उसका तत्काल सिग्नल मिल जाता है। वहीं, यह मीटर पानी की खपत का भी हिसाब रखते हैं।
एसटीपी से रिसाइकिल पानी का हो रहा स्प्रिंकलर के जरिए उपयोग
शहर के नौ एसटीपी से रिसाइकिल होने वाले सीवेज के पानी को शहर की सड़कों पर स्प्रिंकलर में यूज किया जा रहा है। पार्क, डिवाइडर पर इनसे पेड़ों को सींचने के लिए नगर निगम के टैंकरों को उपलब्ध कराया जाता है। रिसाइकिल पानी का हर प्लांट का हर दिन का अलग-अलग आंकड़ा है। अगर 78 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट धांधूपुरा का उदाहरण लें तो एक महीने में 2390 एमएलडी प्लांट पर इन्टेक हुआ। इसमें स्लज हटाकर और शौचन के बाद 1052 एमएलडी शौधित पानी उपलब्ध कराया गया। इससे किसानों की खेती, टॉयलेट, टॉयलेट क्लीनिक, सड़कों पर जल छिड़काव, धुलाई, अग्निशमन यंत्री में उपयोग किया जा रहा है। इससे निगम को एक लाख रुपये की आय भी हुई है। ऐसा ही हर प्लांट का अलग आंकड़ा है। इससे पर्यावरण का तो संरक्षण हो ही रहा है। पानी की बर्बादी को भी रोका गया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में भी लगाई थी लंबी छलांग
स्वच्छ सर्वेक्षण में आगरा ने बड़ी छलांग लगाई थी. देश के सबसे 10 स्वच्छ शहरों में आगरा नगर निगम ने अपना नाम दर्ज कराया था। वहीं प्रदेश में नगर निगम ने इस सर्वेक्षण में दूसरा स्थान हासिल किया था।
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