आगरा में धर्मांतरण कराने के एक और मामले का खुलासा, विहिप और बजरंग दल का हंगामा
आगरा, 23 नवम्बर। शहर में धर्मांतरण कराए जाने का एक और मामला सामने आया है। आरोप है कि जाटव और वाल्मीकि समाज के गरीब परिवारों का सहायता और सुविधाओं के नाम पर धर्मांतरण कराया जा रहा था। मुसीबतें दूर करने के नाम पर उन्हें ईसाई धर्म की किताबें पढ़वाई जातीं। चंगाई प्रार्थना सभा कराई जाती थी। इसके पता लगते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और केंद्र संचालक डेविड और उसके सहयोगियों समेत सात लोगों को हिरासत में ले लिया।
खबरों के मुताबिक, यह पूरा मामला थाना जगदीशपुरा के अंतर्गत आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-7 का बताया गया है। यहां एक मकान में संदिग्ध धर्मांतरण गतिविधि चलने की सूचना मिलने पर रविवार की सुबह विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की एक टीम पहुंच गई। टीम में शामिल एक युवती मकान में प्रवेश कर नीचे से ही वीडियो बनाते हुए ऊपरी मंजिल तक गई। युवती को वीडियो बनाते देख वहां खलबली मच गई। धर्मांतरण केंद्र के संचालक डेविड ने पहले से युवती को धमकाया और फिर समझौता करने के लिए लालच दिया, लेकिन युवती के पीछे-पीछे ही बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ता भी मकान की ऊपरी मंजिल में पहुंच गये और धर्मांतरण की गतिविधयां करा रहे डेविड और उसके सहयोगियों को पकड़ लिया।
इस दौरान भारी भीड़ जमा हो गई। सूचना पर जगदीशपुरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। आक्रोशित कार्यकर्ताओं की बात सुनने के बाद पुलिस ने केंद्र संचालक डेविड और उसके सहयोगियों को हिरासत में ले लिया और थाने ले आई। विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी थाने पहुंच गये। पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों को भरोसा दिया कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार लोगों के पास से बाइबिल, ईसाई धर्म से संबंधित पुस्तकें, फोटो फ्रेम और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इस कार्रवाई के दौरान ब्रज प्रांत उपाध्यक्ष सुनील पाराशर समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
गौरतलब है कि इससे पहले भी शाहगंज में राजकुमार लालवानी नामक व्यक्ति को भी इसी तरह गरीब लोगों को इलाज और सहायता के नाम पर धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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