आगरा में अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़, विदेशों में बैठे ठगों के आठ हैंडलर गिरफ्तार

आगरा, 25 नवम्बर। कमिश्नरेट पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए विदेशों में बैठे साइबर ठगों के आठ हैंडलरों को गिरफ्तार किया है। सभी अभियुक्त होटल में बैठकर करोड़ों की ऑनलाइन ठगी की साजिश रच रहे थे।
साइबर ठगों के बारे में जानकारी देते एडीसीपी आदित्य कुमार ने मीडिया को बताया कि गैंग का संचालन व्हाट्सऐप ग्रुप से होता था और सभी अभियुक्त विदेशों में बैठे साइबर ठगों के सीधे संपर्क में थे, जिनके निर्देश पर भारत में फर्जी खाते खुलवाकर ठगी की रकम को रोटेट कर क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजा जाता था।
एडीसीपी ने बताया कि साइबर सेल, सर्विलांस टीम, साइबर काउंटर इंटेलिजेंस और थाना ताजगंज पुलिस की संयुक्त टीम को सूचना मिली थी कि शहर के एक होटल में साइबर फ्रॉड का गिरोह गुप्त बैठक कर बड़ी ठगी की तैयारी कर रहा है। पुलिस ने होटल में दबिश दी और मौके से आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें दिल्ली, आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज और फिरोजाबाद के युवक शामिल हैं। सभी लंबे समय से साइबर फ्रॉड में सक्रिय थे। अभियुक्तों के पास से 42 एटीएम कार्ड, 11 चेकबुक, 9 मोबाइल फोन, एक कार, नेपाली मुद्रा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए। 
प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला कि यह गिरोह विदेशी साइबर अपराधियों के संपर्क में था और व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से ठगी को संचालित करता था। गिरोह के सदस्य भोले-भाले और गरीब लोगों को झांसा देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाते थे और इन्हीं खातों में साइबर ठगी की रकम डाली जाती थी। हर ट्रांजेक्शन पर स्थानीय हैंडलर्स को दो प्रतिशत कमीशन मिलता था, जबकि खाते देने वाले व्यक्ति को मामूली राशि पकड़ा दी जाती थी।
गिरोह के कुछ सदस्य विदेश में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और वहां से सीखे गए सॉफ्टवेयर और तकनीक का इस्तेमाल भारत में ठगी के लिए कर रहे थे। विदेशों में बैठे ठग किसी विशेष मशीन और सॉफ्टवेयर के जरिए कार्ड डिटेल डालते थे, जिससे बैंक से स्वतः ट्रांजेक्शन शुरू हो जाता था। इसके बाद रकम अलग-अलग खातों में रोटेट कर क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेशों में बैठे मास्टरमाइंड्स तक पहुंचाई जाती थी।
एडीसीपी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों में से तीन सीधे विदेशी ऑपरेटर्स के संपर्क में थे और उनके पास से कुछ विदेशी आईडी भी बरामद हुई हैं। पकड़े गए अभियुक्त कई राज्यों में साइबर ठगी, चोरी, धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में वांछित हैं।
सभी के खिलाफ थाना ताजगंज में बीएनएस की धारा 318(4)/111(3)/61(2) में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। विदेशी लिंक को भी ट्रेस किया जा रहा है।
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