शस्त्र लाइसेंस धोखाधड़ी जांच के दायरे में आगरा के कई सफेदपोश!

आगरा, 13 नवम्बर। जिले में हथियारों के लाइसेंसों में धोखाधड़ी की जांच कर रही एसटीएफ के दायरे में कई सफेदपोशों के भी आने की खबरों से हड़कम्प मचा हुआ है। एसटीएफ ने शहर के कुछ प्रभावशाली लोगों को नोटिस भेजकर बयान तलब किए हैं।
खबरों के अनुसार, एसटीएफ ने एक कांग्रेसी नेता और उसके भाई के अलावा, एक प्रमुख प्रॉपर्टी डीलर को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया है। कुछ अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ भी दस्तावेज़ और फोन/रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड की पड़ताल की जा रही है। कलक्ट्रेट स्थित आयुध कार्यालय से भी लाइसेंस संबंधी सभी दस्तावेज और रिकॉर्ड मांगे गए हैं।
खबरों के अनुसार, अभी तक की जांच में राजस्थान और मध्य-प्रदेश के लगभग पंद्रह निशानेबाज खिलाड़ियों को कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से लाइसेंस और कारतूस जारी किए जाने का शक है। इन खिलाड़ियों की सूची और संबंधित रिकॉर्ड आयुध कार्यालय को भेज दी गई है। अब उनसे जुड़ी सत्यापन प्रक्रियाओं, दस्तावेज़ों और लाइसेंस जारी करने की तारीखों की जांच की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच आगे बढ़ने पर और प्रभावशाली नामों के भी सामने आने की आशंका है। एसटीएफ द्वारा नोटिस, दस्तावेजों की मांग और बाहरी खिलाड़ियों के रिकॉर्ड की पड़ताल यह संकेत देती है कि मामला व्यापक और जटिल है। 
गौरतलब है कि विगत 24 मई को नाई की मंडी क्षेत्र में एसटीएफ इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि कई व्यक्तियों ने जाली पहचान पत्र और भ्रामक जानकारी के आधार पर लाइसेंस और यहां तक कि कारतूस भी जारी करा लिए थे। इसी के आधार पर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और आर्म्स एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एफआईआर में शुरुआती चरण में निशानेबाज मोहम्मद अरशद, कारोबारी मोहम्मद जैद, प्रॉपर्टी डीलर भूपेंद्र सारस्वत, शोभित चतुर्वेदी, सेवानिवृत्त कर्मचारी संजय कपूर, राजेश बघेल, शिव कुमार सारस्वत को आरोपी बनाया गया था। तीन महीने पहले आयुध कर्मचारी प्रशांत को निलंबित किया गया था और नाई की मंडी के संविदा कर्मचारी पंकज पर भी एफआईआर दर्ज है। जांच आगे बढ़ने पर और भी नाम सतह पर आए हैं, जिन्हें एसटीएफ पूछताछ के दायरे में ला रही है।
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