रंगग्राम में भारत की सांस्कृतिक छटा के दर्शन, लोक-शास्त्रीय नृत्यों और नाटकों के मंचन से दर्शक हुए मुग्ध

आगरा, 06 अक्टूबर। रंगग्राम में चल रहे सांस्कृतिक महोत्सव रंगोदय - 2025 में सोमवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुतियां और उनके कलाकारों का जोश चरम पर दिखाई दिया। देश के विभिन्न प्रांतों से आए अतिथि कलाकारों ने अपने अपने प्रांतों की लोक एवं शास्त्रीय संस्कृतियों का प्रदर्शन नृत्य प्रतियोगिताओं के दौरान किया। शाम को नाटकों में भी कलाकारों ने अपने अभिनय से प्रभावित किया। इन नाटकों द्वारा दर्शकों को मनोरंजन के साथ मौजूदा विषयों पर जागरूक भी किया। 
संस्कार भारती नाट्य केंद्र द्वारा मिल्टन पब्लिक स्कूल के सहयोग से आयोजित 21वें राष्ट्रीय नाट्य एवं नृत्य महोत्सव में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अपर आयकर आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि उपायुक्त आयकर आशुतोष पांडेय थे। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया। अतिथियों का स्वागत महोत्सव के मुख्य संरक्षक डॉ. राहुल राज ने किया। नाट्य प्रतियोगिता में मंचित हुए नाटकों में शारदा नाट्य मंच धनबाद (झारखंड) के कलाकारों ने जादू का सूट नाटक मंचित किया। द रंग आर्ट एंड समाज कल्याण ट्रस्ट गिरिडीह (झारखंड) के कलाकारों ने नाटक नाग मंडल मंचित किया। मंच दूतम वाराणसी के कलाकारों ने मध्यांतर नाटक का मंचन किया। तरकश लोक कल्याण एवं जन कल्याण समिति झांसी के कलाकारों ने नाटक हरदौल का मंचन किया। पंचतत्व उड़ीसा के कलाकारों ने नाटक आखिर क्यूं मंचित किया। कला निकेतन झारखंड के कलाकारों ने मरघट की औरत नाटक मंचित किया। अनुभूति सेवा समिति शाहजहांपुर के कलाकारों ने कर्ण जीत गया केशव नाटक का मंचन किया। 
सुबह नृत्य प्रतियोगिताओं का अयोजन किया गया। जिसमें बाल एवं युवा कलाकारों ने कई लोक नृत्य और शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किए। पंचतत्व राउरकेला (उड़ीसा) के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। वहीं सत्य नाट्य एंड नृत्य संस्था छत्तीसगढ़, अनुरोध साहित्य कला केंद्र आजमगढ़ और विंज एंटरटेनमेंट फिल्म्स गिरिडीह के कलाकारों ने भी नृत्य प्रस्तुत कर तालियां बटोरीं। इन प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में पुरुषोत्तम मयूरा और ज्योति खंडेलवाल शामिल थीं। मंच संचालन वाणी सक्सैना ने किया। कटनी से पधारे डॉ. वेदवती (रश्मि) सिंह बघेल और प्रीति परोहा, वृंदावन से आए विनय गोस्वामी, बलिया से पधारे बृजेश सिंह, कैप्टन सोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ रंगकर्मी विवेकानंद और प्रसन्ना दास का स्वागत भी किया गया। इस मौके पर संस्थापक निदेशक केशव प्रसाद सिंह, अध्यक्ष पंकज सक्सैना, कार्यकारी निदेशक अजय दुबे, सचिव नीता तिवारी, अनीता परिहार, संजय चतुर्वेदी, प्रमेंद्र पाल सिंह, उमा शंकर मिश्र आदि भी मौजूद थे।
मंगलवार को निकलेगा रंग जुलूस
रंगोदय का मुख्य आकर्षण रंग जुलूस भी है, जो 07 अक्तूबर को सुबह 10 बजे से निकलेगा। मीडिया प्रभारी डॉ. महेश धाकड़ के अनुसार इस रंग जुलूस में कलाकार अपने अपने प्रदेशों की कला और संस्कृति की झलक अपनी-अपनी परंपरागत वेशभूषा और अपने-अपने नृत्यों और झांकियों द्वारा प्रदर्शित करते हुए चलेंगे। राजामंडी स्थित टूरिस्ट बंगला के पास से इसकी शुरुआत होगी। यह जुलूस दिल्ली गेट, प्रोफेसर कॉलोनी, राम नगर कॉलोनी, सूरसदन, इलेक्ट्रॉनिक मार्केट, संजय प्लेस से होते हुए शहीद स्मारक पर पहुंच कर एक भव्य सांस्कृतिक समारोह में तब्दील हो जाएगा। जहां कलाकार मंच पर भी अपनी प्रस्तुतियों से सबका मनोरंजन करेंगे। शाम को मिल्टन पब्लिक स्कूल में समापन समारोह का आयोजन होगा। जिसमें विजेता कलाकार अपनी मंचीय प्रस्तुतियों से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। राष्ट्रीय सम्मान समारोह होगा जिसमें कला-संस्कृति के लिए योगदान देने वाले कई शख्स सम्मानित होंगे।
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