पुलिस कमिश्नर साहब! यहां तो "दिया तले अंधेरा" है
आगरा, 06 अक्टूबर। कमिश्नरेट पुलिस चाहें जितने दावे करे, या यातायात सुधार अभियान चलाए, लेकिन उसके अपने ही लोग इसे गाहे-बगाहे पलीता लगाते नजर आते हैं। ऐसा ही एक नजारा है न्यू आगरा पुलिस थाने का जहां "दिया तले अंधेरा" वाली कहावत पूरी तरह नजर आती है।
कभी नहर विभाग की जमीन कहे जाने वाले स्थल पर थाना भवन तो खड़ा हो ही चुका है, यहां थाने के बाहर हर समय वाहनों का अतिक्रमण नजर आता है। कारें और दर्जनों दो पहिया वाहन यहां हर समय खड़े मिल जाएंगे।
कई बार इस अतिक्रमण को लेकर आवाजें भी उठाई गई, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। इतना जरूर हुआ कि नगर निगम ने यहां "नो पार्किंग" का बोर्ड लगा दिया, पर इसका कोई असर नजर नहीं आता। बेख़ौफ वाहन चालक ठीक बोर्ड के नीचे भी घंटों तक कार खड़ी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
पूरा शहर जानता है कि भगवान टॉकीज से दयालबाग मार्ग पर रोज लगभग हर समय ट्रैफिक जाम बना रहता है। अधिक हो-हल्ला होने पर एक-दो दिन अभियान चलाया जाता है। संबंधित थानों की जिम्मेदारी भी तय कर दी जाती है, लेकिन खुद थाने के आगे ही बेखौफ अतिक्रमण हो तो कौन कुछ कर सकता है।
पुलिस में सुधार लाने की कोशिश कर रहे वरिष्ठ अधिकारी यदि गंभीर कदम उठाएं और थाना स्तर पर दंडित करने की कार्रवाई करें तो शायद नागरिकों को कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या ऐसा कभी हो पाएगा?
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