खेरागढ़ में एसडीएम की गाड़ी पर पथराव, सांसद के खिलाफ नारेबाजी, उटंगन नदी में डूबे शेष लोगों का पता न चलने पर ग्रामीणों में आक्रोश

आगरा, 03 अक्टूबर। खेरागढ़ तहसील में गुरुवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान उटंगन नदी में डूबे 13 लोगों में से पांच के शव मिल चुके हैं। एक का एसएन मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है। सात लोगों का अभी तक सुराग नहीं लगने से गुस्साए ग्रामीणों ने शुक्रवार को ऊंटगिरी व कागारौल चौराहे पर रास्ता जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम की गाड़ी पर पथराव भी किया, जिसमें उनकी गाड़ी का शीशा टूट गया। सांसद राजकुमार चाहर के मौके पर पहुंचने पर ग्रामीणों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए। 
खबरों के अनुसार, मौके पर एनडीआरएफ की टीम मौजूद है जो लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है।तीन के शव देर रात तक मिल गए थे। दो शव शुक्रवार को सुबह मिले। सुबह खेरागढ़ में स्कूलों की छुट्टी भी की गई है। 
कुशियापुर गांव के लोग गुरुवार दोपहर देवी मूर्तियों को विसर्जन के लिए डूंगरवाला गांव के पास लेकर गए थे। विसर्जन के दौरान सात लोग उटंगन नदी में डूब गए थे। उन्हें बचाने के लिए छह लोग और गए थे वह भी डूब गए। हादसे में तीन युवकों की मृत्यु हो गई थी। वहीं एक युवक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। शाम साढ़े सात बजे से एसडीआरएफ की टीम ने लापता नौ लोगों की तलाश शुरू की। तलाशी अभियान रातभर जारी रहा, लेकिन लापता लोगों का सुराग नहीं लगा। 
तड़के पुलिस अपर आयुक्त राम बदन सिंह फिर से मौके पर पहुंच गए। उनके नेतृत्व में एनडीआरएफ टीम लापता लोगों का सुराग लगाने में जुटी हुई है। 
ग्रामीणों ने हादसे का जिम्मेदार अवैध खनन करने वालों और पुलिस को बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि खनन करने वालों ने जेसीबी से कई जगह गड्ढे कर दिए थे नदी में पानी भरने से यही पता नहीं है गड्ढे कहां-कहां हैं। इसी कारण सभी लोग डूब गए। 
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