आवास विकास परिषद की सीलिंग और ध्वस्तीकरण कार्रवाई का विरोध, पहले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

आगरा, 18 जून। आवास विकास परिषद द्वारा रिहायशी भूखंडों पर व्यवसायिक गतिविधियों वाले निर्माणों को सील अथवा ध्वस्तीकरण का व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। आवास विकास परिषद ने कमला नगर, सिकंदरा और आवास विकास कॉलोनी में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों पर 21 भवनों को सील कर दिया और ऐसे 71 भवन चिह्नित किए गए हैं। उप आवास आयुक्त ने व्यावसायिक गतिविधियां करने वालों को नोटिस देने के निर्देश दिए हैं। इन भवनों को ध्वस्त किया जाएगा। 
आगरा व्यापार मंडल के महामंत्री अशोक मंगवानी, उपाध्यक्ष जय पुरसनानी, रमनलाल गोयल, कन्हैया लाल राठौड़, जयप्रकाश अग्रवाल व राकेश बंसल आदि ने संयुक्त बयान में कहा है कि निर्माण के दौरान बिना मानचित्र स्वीकृति के ऐसे भूखंडों को क्यो नहीँ रोका गया। पहले सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए जिनके सेवाकाल में निर्माण हुए। आवास विकास परिषद को फिर से कंपाउंडिंग स्कीम लागू करनी चाहिए। ऐसे निर्माणों से शमन शुल्क लेकर व्यवसाय की अनुमति प्रदान करनी चाहिए।
गौरतलब है कि आवास विकास परिषद में अवैध निर्माण के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में अधिशासी अभियंता रजनीश कुशवाह, सहायक अभियंता निसार सहित तीन कर्मचारियों को इसी माह निलंबित किया गया था। इस कार्रवाई के बाद परिषद की कॉलोनियों में अवैध निर्माणों की सच्चाई सामने आई। आवास विकास कॉलोनी में हर चौथे आवास में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इसी तरह सिकंदरा योजना और कमला नगर में भी कॉलोनियों के मूल स्वरूप को ही बदल दिया गया है। टीमों ने 11 से 14 जून तक अभियान चलाकर 71 भवनों को चिह्नित किया गया, जिनमें अवैध रूप से निर्माण कर लिए गए हैं। इसी तरह 21 भवनों को सील किया गया।
परिषद की तीनों आवासीय योजनाओं में मॉल, रेस्टोरेंट, डिपार्टमेंटल स्टोर तक खुल गए हैं। बुटीक, क्लीनिक, कोचिंग जैसी गतिविधियां भी आम बात हो गई हैं। कंपाउडिंग का रास्ता बंद होने के बाद अधिकांश मामलों में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होना तय है।
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