नेशनल चैम्बर की श्रम अधिकारियों से मांग- बाल श्रम के नाम पर उत्पीड़न न हो || नई योजनाओं और प्रावधानों की जानकारी भी दी गई

आगरा, 16 दिसम्बर। श्रम विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के साथ बैठक करते हुए विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। 
बैठक में बताया गया कि श्रम विभाग उप्र के तत्वावधान में उप्र भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना, संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना, अटल आवासीय विद्यालय योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, कन्या विवाह सहायता योजना, आपदा राहत साहयता योजना, महात्मा गांधी पेशन योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना व निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यंगता सहायता योजना चलाई जा रही हैं।
चैम्बर सभागार में चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में पूर्व अध्यक्ष एवं श्रम कल्यान प्रकोष्ठ के चेयरमैन श्रीकिशन गोयल द्वारा 12 सूत्रीय प्रतिवेदन दिया गया। चैम्बर अध्यक्ष ने कहाकि किसी भी उद्योग में बाल श्रमिक होने की सूचना प्राप्त होने पर उस बालश्रमिक का जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल प्रमाणपत्र से आयु सत्यापन होने तक कारखाने स्वामी के प्रति कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। 
बैठक में उपश्रमायुक्त आगरा मंडल सियाराम, सहायक श्रम आयुक्त शगुन ओमर, श्रम प्रर्वतन अधिकारी अनिल दिवाकर, विजय शंकर तिवारी, राजेश द्विवेदी, एस.के. सिन्हा, संजय शुक्ला, सहायक निदेशक कारखाना टीना भाटिया मौजूद रहे। उपश्रमायुक्त द्वारा नये श्रम काननों के परिवर्तन के संबंध में जानकारी दी गयी। 
बैठक में पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, अमर मित्तल, अशोक गोयल, मुकेश अग्रवाल, अतुल गुप्ता, राजीव अग्रवाल, सदस्य राजेन्द्र अग्रवाल, मनोज कुमार गुप्ता, गिरीश चंद गोयल, सुशील, मयंक मित्तल, सचिन सारास्वत, सुधीर गुप्ता, अम्बा प्रसाद गर्ग, रविशंकर अग्रवाल, विजय कुमार गुप्ता, अखिल कुमार गर्ग, अनिल गोयल, मनोज कुमार रस्तोगी उपस्थित थे।
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