वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक डॉ. हर्षदेव नहीं रहे

आगरा, 25 दिसंबर। शहर की पत्रकारिता को नई दिशा और पहचान देने वाले वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक डॉ. हर्षदेव का गुरुवार की सुबह लगभग दस बजे निधन हो गया। उन्होंने कारगिल हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से शहर ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश के पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
डॉ. हर्षदेव ने अपने लंबे और समर्पित पत्रकारिता जीवन में पत्रकारिता के नए मापदंड स्थापित किए। वे अपनी तीखी, निर्भीक और तथ्यपरक लेखनी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अमर उजाला से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की और लंबे समय तक वरिष्ठ पत्रकार व संपादक के रूप में सेवाएं दीं।
वर्ष 1980 के दशक में ‘विकासशील भारत’ का संपादन उनके नेतृत्व में हुआ, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने जनता युग को आगरा से शुरू कर पत्रकारिता को एक नई ऊर्जा दी। पुनः विकासशील भारत, नवभारत टाइम्स (जयपुर) और फिर दिल्ली में रहकर उन्होंने पत्रकारों की एक पूरी पीढ़ी तैयार की, जिनमें से कई वर्तमान में प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ. हर्षदेव का पारिवारिक और बौद्धिक योगदान भी उल्लेखनीय रहा। वे रावतपाड़ा के मशहूर वैद्य के पुत्र थे और स्वयं भी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं, जो पत्रकारिता के विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए मार्गदर्शक मानी जाती हैं।
वे अपने पीछे एक विवाहित दत्तक पुत्री को छोड़ गए हैं।डॉ. हर्षदेव के निधन की सूचना मिलते ही उनके शुभचिंतक और रिश्तेदार कारगिल हॉस्पिटल पहुंच गये। उनका पार्थिव शरीर उनके निवास पर ले आया गया। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उनकी पुत्री के आगमन के बाद गुरुवार को ही दोपहर उनका अंतिम संस्कार मल्ल का चबूतरा, शाहगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया जाएगा।
विभिन्न पत्रकार संगठनों, वरिष्ठ पत्रकारों और समाज के प्रबुद्धजनों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पत्रकारिता के लिए अपूरणीय क्षति बताया। पत्रकारों के विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में भी उन्हें श्रद्धांजलि देने का तांता लग गया।
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