Agra News: खबरें आगरा की.....
चैम्बर ने सीईसी रिपोर्ट पर मंडलायुक्त को सौंपी आपत्तियाँ
आगरा, 23 दिसम्बर। नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह से मुलाकात कर सेन्ट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) की रिपोर्ट पर आपत्ति पत्र सौंपा।
मंडलायुक्त ने चैम्बर द्वारा सीईसी रिपोर्ट पर प्रेेषित आपत्तियों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल में चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल, सदस्य मनोज बंसल, राकेश चौहान, अंशुल अग्रवाल शामिल थे।
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गृहस्थ के कर्म करते हुए निरंतर प्रभु की भक्ति करते चलें
आगरा, 23 दिसम्बर। श्री हरि सत्संग समिति द्वारा आर बी एस कॉलेज के सभागार में आयोजित नानी बाई री मायरो कथा नरसी भात में दूसरे दिन भी आस्था और भक्ति का सुंदर संगम दिखाई दिया। व्यासपीठ से कथा में ज्ञान के मोती बिखेरते हुए संत गौरदास ने कहा, "संत सेवा को भगवान अपनी सेवा मानते हैं। संत सेवा में किया खर्च भगवान की सेवा में ही लगता है।"
उन्होंने कहा कि नरसी जी ने गृहस्थ में रहते हुए अपने सारे दायित्वों का निर्वाह करते हुए प्रभु नाम का प्रचार किया था और हमें यह प्रेरणा भी दी कि हम भी अपने गृहस्थ के सारे कर्म करते हुए निरंतर प्रभु की प्रेमा भक्ति करते चलें, और सोचें भगवान हमेशा मेरे साथ हैं, हमें कभी भगवान को अपने तन से मन से एवं चित्तवृत्ति से दूर नहीं करना चाहिए।
कथा का शुभारंभ हनुमान चालीसा के संगीतमय पाठ के साथ हुआ। समापन आरती के साथ हुआ। श्री हरि सत्संग समिति के प्रमुख पदाधिकारी अध्यक्ष शांति स्वरूप गोयल, संजय गोयल , संजय मित्तल, विष्णु दयाल बंसल, भगवान दास बंसल, उमेश बंसल, रंगेश त्यागी, अंशु अग्रवाल, मधु गोयल, सोनिया गर्ग, निशा मंगल, सीमा अग्रवाल, उर्मिल बंसल आदि शामिल थे। संचालन मंजू गुप्ता ने किया।
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ऑनलाइन जुड़कर कवयित्रियों ने रसधार बहाई
आगरा, 23 दिसम्बर। विश्व मैत्री मंच की उत्तर प्रदेश इकाई ने दिसंबर माह की काव्य चौपाल सजाई। दूर दूर से ऑनलाइन जुड़कर कवयित्रियों ने ऐसी रसधार बहाई कि सभी भाव विभोर हो गए। शुभारंभ ललिता कर्मचंदानी की सरस्वती वंदना से हुआ। निदेशक डॉ.सुषमा सिंह ने प्रिय के साथ होने पर प्रकृति में आए सुहावने परिवर्तनों का रुचिकर वर्णन किया। मीना गुप्ता*ल ने पत्थरों की संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला। चारुमित्रा ने पेड़ की अभिलाषा को शब्द दिए। झाँसी की संध्या निगम ने पति प्रेम से वंचित महिलाओं के दर्द को वाणी दी। डॉ. नीलम भटनागर ने समय को परिभाषित करते हुए उसे अखण्ड बताया। अलका अग्रवाल ने कृष्ण प्रेम के दोहों से प्रारंभ किया और उन बहानों को त्यागने का संकल्प लिया जो आगे नहीं बढ़ने देते। रमा वर्मा श्याम ने इंसानी सोच में आई कमी की ओर इंगित किया। उषा ने ओस और कुहासे से प्रकृति में आए परिवर्तनों और क्रिसमस त्योहार के आनन्द का भी वर्णन किया। साधना वैद ने एक त्रस्त मज़दूर की व्यथा कथा सुनाई।
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