जीएसटी चोरी के पीछे कई जूता कारोबारी! छापे में सवा करोड़ के जूते पकड़े जाने के बाद गहन पड़ताल
आगरा, 24 नवम्बर। जीएसटी की चोरी कर सवा करोड़ रुपये के जूते रेलवे पार्सल द्वारा विभिन्न राज्यों में भेजे जाने का खुलासा होने के बाद केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग (सीजीएसटी) की टीम इसकी परतें खोलने में जुटी हुई है। सूत्रों का दावा है कि अभी तक की जांच में कई जूता कारोबारियों का माल होना पाया गया है। जांच टीम सभी का विवरण जुटाने में लगी है। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की पूरी संभावना है।
गौरतलब है कि शनिवार रात से रविवार तक चली छापा कार्रवाई में विभाग की टीम ने कलक्ट्रेट के नजदीक एक गोदाम से सोलह हजार जोड़ी से ज्यादा जूते जब्त किए थे। जूतों की अनुमानित कीमत करीब सवा करोड़ रुपये बताई गई।
सूत्रों के अनुसार, शहर में बनने वाले जूतों को कारोबारी बिना सरकार को टैक्स दिए फर्जी बिलों पर ट्रेनों के जरिये प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों में भेज रहे थे। यह कार्य एजेंटों की मदद से किया जा रहा है। सीजीएसटी की एंटी इवेजन शाखा ने सूचना के आधार पर कलक्ट्रेट के नजदीक राधावल्लभ की बगीची स्थित एक गोदाम पर शनिवार की रात छापा मारा। रविवार रात तक चली इस कार्रवाई के दाैरान गोदाम से बिना बिल के करीब सोलह हजार जोड़ी पैक जूते जब्त किए गए।
विभागीय सूत्रों के अनुसार गोदाम संचालक अमित सिंह से हुई शुरुआती पूछताछ में पता चला कि वह लंबे समय से जीएसटी से बचने के लिए जूतों की खेप फर्जी बिल के सहारे रेलवे पार्सल सेवा के माध्यम से लखनऊ, कानपुर, मेरठ व दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक तक भेज रहा है। कार्रवाई के दाैरान गोदाम से कंप्यूटर, लैपटाॅप और एजेंट अमित सिंह के मोबाइल फोन जब्त किए गए।
सूत्रों का कहना है कि पकड़े गए माल के पीछे एक से अधिक जूता कारोबारियों के नाम पता चले हैं। जांच टीम ने इन कारोबारियों की व्यापारिक कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है। इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों के डाटा को खंगाल कर यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि वह कहां और किन लोगों से माल लेकर किन कारोबारियोें को सप्लाई करता था। यह खेल लंबे समय से चल रहा था। जांच टीम इस पूरे नेटवर्क पर चोट करने में जुटी है। इसका पता लगते ही इस खेल से जुड़े कारोबारियों में खलबली मची हुई है।
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