खनन माफियाओं द्वारा उटंगन नदी में किया गया गहरा गड्ढा ही बना जानलेवा, मंगलवार को तीन और शव निकाले गए, अब तक 11 शव मिले, एक और की तलाश
आगरा, 07 अक्टूबर। खेरागढ़ में उटंगन नदी में खनन माफियाओं द्वारा किया गया गहरा गड्ढा ही 12 जिंदगियों के लिए जानलेवा साबित हुआ। मंगलवार की सुबह दो और दोपहर में एक शव बरामद हो गया। अब तक 11 लोगों के शव मिल चुके हैं। एक अभी लापता है।
सुबह सचिन उर्फ़ महावीर पुत्र रामवीर और दीपक के शव बरामद कर लिए गए। दोपहर को गजेंद्र नामक युवक का भी शव मिल गया।
गौरतलब है कि विगत दो अक्तूबर को युवक दुर्गा मूर्ति को विसर्जन के लिए उटंगन नदी पर पहुंचे थे। नदी के किनारे पानी कम था, जहां वह एक फीट पानी में ही मूर्ति को रखकर नदी के अंदर चले गए। युवक जब पानी में अंदर पहुंचे तो अचानक ही एक युवक का पैर गड्ढे में पड़ा और वह नीचे किसी कुएं सरीखी गहराई में चला गया। उसके साथ ही अन्य युवक भी गिरते चले गए।खनन का गड्ढा न होता तो हादसा भी नहीं होता। नदी में ज्यादा पानी नहीं था।
इनमें से अभिषेक, भगवती, वीनेश, ओकेश के शव मिट्टी की परत के नीचे दबे हुए मिले। एनडीआरएफ के 60 सदस्य, 50 पैरा ब्रिगेड की 411 पैरा फील्ड यूनिट के 19 सदस्य इस अभियान में युवकों की तलाश में जुटे हैं।
एनडीआरएफ के निरीक्षक विनोद कुमार का कहना है कि उटंगन नदी में जिस जगह हादसा हुआ, वहां 25 फीट गहरा गड्ढा तो है ही, नजदीक में 15 फीट गहरे और गड्ढे हैं, जो खनन के कारण बने। हादसे का शिकार लोग इन गड्ढों से अनजान थे।
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