दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा रामलीला मंचन का बदला रूप, पुष्पवाटिका लीला में रघुनाथजी की छवि पर मोहित हुईं जानकी
आगरा, 14 सितम्बर। रामलीला मैदान में श्रीराम लीला के मंचन का बदला हुआ स्वरूप अब दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। रविवार को पुष्प वाटिका लीला का मंचन किया गया, जिसमें मंच के दोनों ओर लगी एलईडी स्क्रीन पर दृश्य उभरते हैं। जनकपुरी दिखायी जाती है, जहां राजा जनक का महल होता है और उसी परिसर में रंग-बिरंगे फूलों से सुसज्जित पुष्प वाटिका दिखाई देती है, दर्शकों को ऐसा लगता है वे भी पुष्प वाटिका में पहुंच गए।
इस पुष्प वाटिका में सीताजी पुष्प चुन रही होती हैं। इस दौरान भगवान श्रीराम, लक्ष्मण जी भी वहीं पहुंचते हैं। दोनों की नजरें एक दूसरे की ओर गई और दोनों एक दूसरे को देखकर मोहित हो गए। सीता ने अपनी सहेलियों से इच्छा व्यक्त की कि उनका विवाह राम के ही साथ हो। राम विश्वामित्र के साथ लौट जाते हैं और इधर सीता माता गौरी की पूजा करती हैं और भगवान राम को वर के रूप में पाने की प्रार्थना करती हैं। मां अम्बिका पूजा से प्रसन्न होती हैं, प्रसन्न होकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को उनके पति के रूप में देने का वरदान देती हैं।
इससे पूर्व लाला चन्नोमल की बारहद्वारी से मुनि विश्वामित्र के साथ राम, लक्ष्मण घोड़ों की सवारी पर और मां जानकी अपनी चार सखियों के साथ रथ पर सवार होकर पुष्प वाटिका के लिये रावतपाड़ा, जौहरी बाजार, बिजलीघर होती हुई रामलीला मैदान बनी मिथिला नगरी में जाती हैं। मार्ग में माता जानकी, राम-लक्ष्मण पर पुष्प वर्षा कर लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया।
लीला की प्रथम आरती डा. जी.एस. धर्मेश (विधायक छावनी), प्रशांत पुनिया (जिलाध्यक्ष भाजपा), मधु बघेल, संतोष कटारा, शिव कुमार, उमाशंकर माहौर, उपमा गुप्ता मौजूद रहीं। अतिथियों का स्वागत रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल और महामंत्री राजीव अग्रवाल ने किया।
धनुष यज्ञ एवं परशुराम संवाद की लीला
रामलीला में सोमवार 15 सितंबर को धनुष यज्ञ एवं परशुराम संवाद की लीला का मंचन होगा। इससे पूर्व सायं पांच बजे लाला चन्नोमल की बारहदरी से सीता स्वयंवर के लिये सवारी निकाली जायेगी जिसमें विभिन्न राजा भी शामिल होंगे।
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