आगरा में साइबर ठगी के बड़े गिरोह का पर्दाफाश, दस गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी की साजिश का खुलासा
आगरा, 29 सितम्बर। पुलिस ने साइबर ठगी के बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए ट्रांस यमुना के एक होटल से गिरोह के दस सदस्यों को गिरफ्तार किया है।गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में चार आगरा के, चार गाजियाबाद के और एक नेपाल का निवासी है।
एडीसीपी आदित्य ने सोमवार को मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए अभियुक्त कंबोडिया और दुबई में बैठे साइबर ठगों के लिए काम करते हैं। ये लोग भोले−भाले लोगों को नौकरी व सरकारी योजनाओं का लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाकर उसकी डिटेल विदेश में बैठे साइबर ठगी गैंग के सदस्यों के देते थे। पकड़े गए लोगों के पास से एक बैंक एकाउंट की जानकारी मिली है, जिसकी लिमिट दस हजार करोड़ रुपये हैं। एक बैंक खाते में साइबर ठगी के करोड़ों रुपये आने वाले थे। इसीलिए गैंग के सभी सदस्य आगरा में एकत्रित हुए थे।
एडीसीपी के अनुसार, कर्नाटक के एक व्यक्ति को आरोपियों ने नौकरी का झांसा देकर खाता खुलवाया। इस खाते की लिमिट 50 करोड़ रुपये है। आरोपी उस व्यक्ति को लेकर आगरा आए और यहां पर उनके अन्य साथी भी एकत्रित किए। सभी लोग कर्नाटक के व्यक्ति के खाते में साइबर ठगी की धनराशि आने का इंतजार कर रहे थे।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने जानकारी दी कि जिस व्यक्ति के नाम से खाता खुलवाते हैं, साइबर ठगी की धनराशि उसके खाते में आने तक अपने पास रखते हैं। इससे उस व्यक्ति को रुपये आने की जानकारी नहीं होती है। साथ ही शिकायत होने का खतरा भी नहीं रहता है। रुपये निकालने के बाद उसे व्यक्ति को जाने देते हैं। ठगी के रुपये क्रिप्टो के माध्यम से वे विदेश में बैठे साइबर ठगों को भेजते थे। उन्हें खाते उपलब्ध कराने पर कुल रकम का दो से पांच प्रतिशत कमीशन मिलता है। इस बार कमीशन की धनराशि तीस प्रतिशत तय हुई थी।
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