नकली दवा के थोक कारोबार से रिटेलर्स को भारी आर्थिक नुकसान, सदैव बिल से खरीदें, बैच नंबर मिला लें

आगरा, 13 सितम्बर। शहर में पकड़े गए करोड़ों रुपये के नकली दवा के थोक कारोबार ने खुदरा दवा विक्रेताओं को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। दवा खरीददारों के मन में आशंका घर कर गई है। मरीज और उनके तीमारदार शहर के दवा विक्रेताओं के बजाय निकटवर्ती शहरों से अपने मित्रों या रिश्तेदारों के माध्यम से दवाएं मंगा रहे हैं। 
इस स्थिति से रिटेल दवा विक्रेताओं में भारी चिंता है। रिटेल कैमिस्ट एसोसिएशन की विगत दिवस दिल्ली गेट कार्यालय पर हुई बैठक में कहा गया कि कुछ लोगों के काले कारोबार से सर्वाधिक आर्थिक नुकसान स्थानीय रिटेलरों को हुआ है। बैठक में कहा गया कि पूरे प्रकरण में जिले के किसी भी रिटेलर की भूमिका नहीं थी फिर भी प्रदेश ही नहीं पूरे देश भर में आगरा के समस्त दवा विक्रेता को बदनामी का घूंट पीना पड़ा।
इस मसले पर एसोसिएशन ने औषधि नियंत्रण विभाग से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में रिटेलर्स की पीड़ा से अवगत कराया और भविष्य में बाधा रहित दिशा-निर्देश के लिए अनुरोध किया। औषधि नियंत्रक विभाग ने अपेक्षा की थी कि दवा सदैव बिल से लें और बैच नंबर मिला लें। इसका पालन खुदरा व्यापारियों ने किया है और करते रहेंगे।
अध्यक्ष डॉ. आशीष ब्रह्मभट्ट ने कहा कि नियमों में जटिलता के कारण दवा रिटेलर के लिए कई मुश्किलें भी हैं जैसे, टीबी की दवाओं साथ ही स्टॉक रजिस्टर का रखरखाव, शिड्यूल एच 1 का रजिस्टर मेंटेन करना, नारकोटिक्स दवाओं का संपूर्ण रखरखाव और हमेशा रजिस्टर 35 को संभाल कर रखना। 
उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से रिटेलर के मुनाफे भी मुश्किल में हैं क्योंकि अधिकतर चिकित्सकों ने अपने यहां ही दवाओं की दुकान खुलवा दी है। 
बैठक में संस्थापक श्याम तिवारी, महामंत्री राजीव शर्मा, कोषाध्यक्ष सतीश पाठक, प्रेम सिंह राजावत, वीर बहादुर सिंह, कपिल बंसल आदि रहे।
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