आंधी-तूफान से गिरे अनेक पेड़, खंभे और होर्डिंग्स, सड़क धंसी
आगरा, 10 मई। जिले में शनिवार की दोपहर में आए आंधी-तूफान से कई स्थानों पर दर्जनों पेड़ और खंभे उखड़ गए। इससे संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा। अनेक स्थानों पर सड़क किनारे लगे होर्डिंग्स भी नीचे आ गिरे। जगह-जगह विद्युत तारों और फाइबर केबल्स को भी नुकसान पहुंचा।
अकेले शास्त्रीपुरम क्षेत्र में ही एक दर्जन से अधिक पेड़ उखड़ कर जमीन पर आ गिरे। आवास विकास कालोनी में भी अनेक पेड़ धराशाई हो गए। रागेंद्र स्वरूप इंटर कालेज की बाउंड्री के सहारे लगे पेड़ और खंभे भी उखड़ गए। एक पेड़ और विद्युत खंभा सड़क किनारे काफी कारों पर आ गिरा, जिससे कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। आवास विकास कालोनी की ही एंथम सोसायटी के बाहर भी पेड़ गिरने से सड़क अवरुद्ध हो गई। कारगिल शहीद चौराहे के निकट आंधी के कारण होर्डिंग नीचे आ गिरा। शास्त्रीपुरम पुलिस चौकी के सामने भी एक पेड़ नीचे आ गिरा, जिससे सड़क पूरी तरह बंद हो गई और राहगीर बाल-बाल बच गए। शास्त्रीपुरम ए और बी ब्लॉक में भी पेड़ गिरने की सूचना है। द्वारिकापुरी के सामने स्थित डीआर हॉस्पिटल का होर्डिंग भी क्षतिग्रस्त हो गया।
हालांकि सुबह से तेज धूप निकल रही थी, जिससे तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही थी, लेकिन, दोपहर में अचानक से मौसम बदल गया। कई इलाकों में घना अंधेरा छा गया। तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। बमुश्किल पंद्रह बीस मिनट के लिए आए इस आंधी-तूफान के कारण अनेक इलाकों में पेड़ और विद्युत खंभे उखड़ गए और विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। जिसे दुरुस्त करने में कई टीमें जुटी रहीं। एयरटेल, जिओ और अन्य कंपनियों की केबल भी क्षतिग्रस्त हो गई। स्थानीय केबल ऑपरेटरों को भी काफी नुकसान हुआ।
उधर बोदला बिचपुरी रोड के निकट वायु विहार में हाल ही में बनी सड़क पहली बारिश में ही धंस गई, जिसके कारण बाबू जी चौराहे के पास रतन पैलेस के सामने बजरी से भरा एक ट्रोला पलट गया। ट्रोला पलटने से सड़क पर बजरी फैल गई और डिवाइडर भी टूट गया, जिससे यह मार्ग कुछ घंटों के लिए पूरी तरह से बंद रहा। बाद में जेसीबी मशीन की मदद से ट्रोला को सीधा करके निकाला गया। बताया जा रहा है कि ट्रोला राजस्थान का था और इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। यहां की सड़क वर्ष 2015 से ही जर्जर हालत में थी। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए थे, जिसके कारण बारिश के दिनों में दुर्घटनाएं आम बात हो गई थी। लोगों के वृहद आंदोलन के बाद इस सड़क को बनाया गया था।
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