फर्जी हैसियत प्रमाणपत्र लगाने वाली कंपनी के खिलाफ नगर आयुक्त ने कराई एफआईआर, काली सूची में डालने के साथ जांच भी बैठाई
आगरा, 09 अगस्त। नगर निगम में एक कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से डेढ़ करोड़ रुपये का ठेका लिए जाने का मामला सामने आया है। नगर आयुक्त ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए और उसे काली सूची में डालते हुए जांच कमेटी गठित कर दी।
बताया गया है कि मैसर्स बांके बिहारी ट्रेडर्स प्रो. रविन्द्र गुप्ता, 83 जीटी रोड बेवर मैनपुरी द्वारा नगर निगम में पंजीकरण व ठेके के नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत आवेदन के साथ दाखिल हैसियत प्रमाणपत्र में हेराफेरी का खुलासा हुआ।
नगर निगम में ए श्रेणी के ठेके लिए पचास लाख का हैसियत प्रमाण पत्र जरूरी है जबकि ठेकेदार को जिलाधिकारी मैनपुरी द्वारा जारी हैसियत प्रमाण पत्र 48.75 लाख का था। ए श्रेणी में पंजीकरण कराने के लिए उक्त ठेकेदार ने हैसियत प्रमाण पत्र में हैसियत का आंकड़ा बढ़ाकर 1,48,75000 रुपये कर दिया। कूटरचित पत्र लगा कर नगर निगम के ठेके हथिया लिए।


इस बारे में पता चलते ही नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने फर्म को काली सूची में डालते हुए थाना हरीपर्वत में ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर कराने के आदेश दिये। निर्माण विभाग के लेखा लिपिक संजीव चौहान ने ठेकेदार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। नगर आयुक्त ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर नगर निगम में पंजीकृत ए और बी श्रेणी की सभी फर्मों द्वारा पंजीकरण में लगाए गए समस्त दस्तावेजों की जांच रिपोर्ट तीन दिन में मांगी है। जांच कमेटी में अपर नगर आयुक्त विनोद गुप्ता, मुख्य अभियंता सिविल बीएल गुप्ता और मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी बृजेश सिंह को रखा गया है।
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