बैंक मैनेजर रहे पिता और मां को किया बेघर, पांच दिन सड़कों पर भटकने के बाद पहुंचे रामलाल वृद्धाश्रम

आगरा, 09 जुलाई। कलियुग का प्रभाव निरंतर बढ़ रहा है, यह केवल संतों की वाणी से ही बल्कि प्रत्यक्ष भी पता चल रहा है। पापाचार, अनाचार के नित नए मामले देखने सुनने को मिल रहे हैं। यही नहीं, जीवन भर पाल-पोस कर बड़ा करने वाले मां-बाप भी बच्चों को खटकने लगे हैं। ऐसे ही एक मां-बाप पांच दिन सड़कों पर बिताने के बाद सोमवार को सिकंदरा क्षेत्र में स्थित रामलाल वृद्धाश्रम में शरण लेने पहुंचे।
मारुति एस्टेट फेस टू के रहने वाले 65 वर्षीय उत्तम सिंह पंजाब नेशनल बैंक से प्रबंधक पद से सेवानिवृत हैं। उत्तम सिंह और उनकी पत्नी संघमित्रा ने रामलाल वृद्धाश्रम के प्रबंधक शिवप्रसाद शर्मा को रो-रो कर अपनी दर्द भरी दास्तां सुनाई। उन्होंने कहा कि उनके दो बेटे और एक बेटी है, इनमें छोटे बेटे की मृत्यु हो चुकी है।बड़ा बेटे और बहू ने घर से निकाल दिया। महीने पर मिलने वाली पेंशन भी छीन ली। पूर्व में भी बेटा-बहू कई बार अत्याचार कर चुके हैं। उन्होंने थाना जगदीशपुरा पुलिस से शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
विगत दो जुलाई को बेटे-बहू ने घर से बेघर कर दिया तो पांच दिन तक सड़कों पर रहे और छठे दिन वृद्धाश्रम पहुंचे। शर्म के कारण किसी रिश्तेदार को नहीं बताया। पत्नी संघमित्रा ने रोते हुए कहा कि पति उत्तम सिंह बीपी और डायबिटीज के मरीज हैं। उनकी तबियत ठीक नहीं रहती है। मकान उत्तम सिंह के नाम है, फिर भी बेटे-बहू ने कब्जा कर उन्हें बेघर कर दिया। बुजुर्ग दंपत्ति ने कहा कि वे वृद्धाश्रम में शरण लेने के साथ ही बेटे-बहू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के भी इच्छुक हैं। फिलहाल रामलाल वृद्धाश्रम में उन्हें स्थान मिल गया है।
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