अंदर की खबर: डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन आगरा फिर विवादों में, अध्यक्ष और सचिव के बीच खिंची तलवारें

आगरा, 14 अप्रैल। पूर्व के वर्षों में विवादों का लंबा इतिहास समेटे जिला क्रिकेट एसोसियेशन (डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन आगरा) एक बार फिर विवादों में आ गई है। इस बार डीसीएए के सचिव और अध्यक्ष के बीच तलवारें खिंच गई हैं। दोनों के बीच कानूनी लड़ाई की नौबत आ गई है। सचिव ने अध्यक्ष आदि पर वित्तीय मनमानी, गाली-गलौज करने और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, तो अध्यक्ष ने भी सचिव पर वित्तीय लेखा-जोखा उपलब्ध न कराने और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा तय मानदंडों का पालन न करने के आरोप लगाए हैं।
डीसीएए के सचिव प्रकाशेष कौशल (गुड्डन) द्वारा अध्यक्ष सुनील जोशन और संयुक्त सचिव सर्वेश भटनागर के अलावा बैंक ऑफ इंडिया और आईसीआईसीआई बैंक प्रबंधन को अपने अधिवक्ता के माध्यम से पिछले दिनों नोटिस भेजा गया। यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रकाशेष कौशल ने "न्यूज नजरिया" से बातचीत में स्वीकार किया कि उन्होंने यह नोटिस भिजवाया है। उनके अधिवक्ता डा. अजीत सिंह ने विगत दो अप्रैल को चार पक्षकारों को नोटिस भेजकर नौ अप्रैल तक जवाब मांगा था और अन्यथा की स्थिति में न्यायालय की शरण लेने की बात कही गई।
नोटिस में पहला पक्षकार बैंक ऑफ इंडिया को बनाते हुए शाखा प्रबंधक संजय प्लेस से पूछा गया कि जब बैंक में डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन का खाता सचिव प्रकाशेष कौशल संचालित कर रहे थे तो बिना उनकी जानकारी या अनुमति के यह खाता क्यों बंद कर दिया गया, यह कार्य विश्वासघात और धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। 
नोटिस में दूसरे पक्षकार के रूप में आईसीआईसीआई बैंक शाखा संजय प्लेस के प्रबंधक से पूछा गया कि उनकी शाखा में डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के नाम से नया खाता खोला गया और इसकी चेकबुक प्रकाशेष कौशल के निवास के पते पर भेजी गई, जबकि प्रकाशेष कौशल ने न तो यह खाता खोलने के लिए कोई आवेदन किया और न ही एसोसियेशन को इस बारे में कोई पत्र या मीमो दिया। अधिवक्ता ने कहा कि इससे प्रतीत होता है कि आपराधिक योजनाबद्ध तरीके से प्रकाशेष कौशल के साथ धोखाधड़ी करने व बिना किसी विधिक प्रावधानों के डिस्ट्रिक क्रिकेट एसोसिऐशन, आगरा के विभिन्न पदों पर कब्जा करने की नीयत से उक्त फर्जी बैंक खाता खोला गया है। 
अधिवक्ता ने नोटिस में तीसरा पक्षकार एसोसियेशन के अध्यक्ष सुनील जोशन और चौथा पक्षकार सर्वेश भटनागर को बनाया और कहा कि जोशन और भटनागर ने प्रकाशेष को शारीरिक व मानसिक कष्ट पहुँचाने की दृष्टि से झूठे प्रपत्रों के साथ फर्जी खाता खुलवाया। नोटिस में यह भी कहा गया कि जब प्रकाशेष ने खाते के संदर्भ में व्यक्तिगत वार्तालाप किया तो जोशन और भटनागर ने बदसलूकी व अवैध धनराशि की मांग करते हुये गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी दी।
अधिवक्ता ने चारों पक्षकारों से सात दिन में लिखित जवाब मांगते लिखा कि अन्यथा प्रकाशेष कौशल सक्षम न्यायालय में कानूनी कार्यवाही करने के लिये बाध्य होंगे।
कौशल ने मनमाना रवैया 
अपना रखा है - जोशन
दूसरी ओर इस बारे में पूछे जाने पर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील जोशन ने आरोप लगाया कि प्रकाशेष कौशल उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा तय मानदंडों की लम्बे समय से अनदेखी कर रहे हैं और उनके द्वारा हिसाब-किताब नहीं दिया जा रहा है। बैंक ऑफ इंडिया का खाता पुराने अध्यक्ष पूरन डावर के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित था। उन्हें पद छोड़े हुए करीब डेढ़ साल हो गया। उस खाते को पूरन डावर ने बंद कराया, उसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। 
आईसीआईसीआई बैंक में नए खाते के बारे में जोशन ने कहा कि एसोसियेशन कंपनी एक्ट में पंजीकृत है। पांच में से चार निदेशकों की सहमति से नया खाता खोला गया, चूंकि कंपनी के पंजीकरण में कार्यालय का पता प्रकाशेष कौशल का लिखा हुआ है। इसलिए नए खाते की चेकबुक उनके पते पर गई। इसमें किसी के साथ विश्वासघात या अंधेरे में रखने जैसी कोई बात नहीं है।
जोशन ने आरोप लगाया कि प्रकाशेष कौशल एसोसियेशन का खाता मनमाने तरीके से संचालित कर रहे थे। कोषाध्यक्ष नरेश जैन को डेढ़ साल से कोई जानकारी नहीं दी गई। कौशल की शिकायतें उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन तक पहुंची हुई हैं। जोशन ने कहा कि वह यूपीसीए को भरोसे में लेकर और उसके निर्देशों पर ही कार्य कर रहे हैं। नोटिस के बारे में भी उन्होंने कहा कि वह यूपीसीए के संपर्क में हैं और उससे सलाह करके नोटिस का जवाब देंगे।
हर लेन-देन का हिसाब, मनमानी 
तो अध्यक्ष कर रहे - कौशल
इसके जवाब में प्रकाशेष कौशल ने कहा कि खाता मनमाने तरीके से संचालित करने का आरोप गलत है। चार्टर्ड अकाउंटेंट के माध्यम से हर लेन-देन का उल्लेख करते हुए बैलेंस शीट बनवाई जाती है और यूपीसीए को भी उसकी प्रतिलिपि भेजी जाती है। सीए की फीस भी ऑनलाइन अकाउंट में दी गई। आयकर के करीब 33 हजार रुपये भी मैंने अपने पास से जमा किए। 
नरेश जैन को जानकारी न दिए जाने के बारे में प्रकाशेष ने कहा कि उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि नरेश जैन कब कोषाध्यक्ष बन गए। अध्यक्ष बिना सचिव को भरोसे में लिए मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं। नया खाता खोलने से पहले की प्रक्रिया या मीटिंग आदि की भी कोई जानकारी उन्हें नहीं दी गई। कौशल ने कहा कि नोटिस का जवाब देने की समयावधि पूरी हो गई है, जल्द ही वह अगला कदम उठाएंगे।
बच्चों के भविष्य पर सवाल
इस जंग में उभरती प्रतिभाओं का भविष्य अधर में जाने की संभावना बलवती हो गई है। बताया गया है कि यूपीसीए ने विगत दस अप्रैल को डीसीएए को पत्र भेजा कि 16 और 19 वर्ष आयु के खिलाड़ियों का ट्रायल कराकर उसकी सूची भेजी जाए। सचिव के पास यह पत्र आया, लेकिन पिछले दिनों खिलाड़ियों के हुए ऑनलाइन पंजीकरण का डाटा अध्यक्ष के पास बताया जा रहा है। अब इस खींचतान में इन ट्रायल्स के हो पाने पर सवाल खड़ा हो गया है।
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