जगदीशपुरा जमीन कांड: लाखों के लालच में मोहरा बनी उमा देवी के पति का नाम पदमचंद, कोई नाता नहीं टहल सिंह और जसवीर से

आगरा, 10 अप्रैल। थाना जगदीशपुरा क्षेत्र के बोदला मार्ग पर जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी साजिश रची गई थी। इसमें उमा देवी मोहरा बनी थीं। वह लालच में फंस गईं। जमीन के असली मालिक टहल सिंह और जिस जसवीर की पत्नी वह बनी, उससे उमा का दूर का नाता भी नहीं था।
डीसीपी सिटी सूरज राय के मुताबिक, आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उमा देवी के पति का नाम पदम चंद है न कि जसवीर। पदम चंद की मृत्यु कई साल पहले हो गई थी। वह तीन बच्चों के साथ रहती है। उसकी एक बेटी शादीशुदा है। वह लालच में आकर षड्यंत्र में शामिल हुई।
जांच में सामने आया कि धर्मेंद्र और राजू के साथ मिलकर किशन मुरारी उर्फ मोहित कुशवाह ने साजिश रची थी। मोहित उमा देवी को जानता था। एक-दो बार पहले से मुलाकात थी। उसने उमा देवी को लालच दिया कि जमीन बिकने पर उसे फायदा होगा। वह मकान और 20 से 25 लाख रुपये तक उसे दिलवा देगा।
इस आधार पर वह भी षड्यंत्र में शामिल हो गई। फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाए। शपथ पत्र लगाए गए। इसके बाद उमा देवी का नाम तहसील में खतौनी में दर्ज करा लिया गया। वह टहल सिंह और जसवीर को जानती तक नहीं थी। पुलिस के सामने भी अपनी पहचान छिपाकर रखती थी। राजू उमा देवी का भाई बनकर आता था।
पुलिस ने उमा देवी के बारे में भी जानकारी जुटाई। उसके आधार और पेन कार्ड की जांच की। पता चला कि उमा देवी ने भारतीय स्टेट बैंक की सिविल लाइन शाखा में खाता खोला था। इस खाते से नुनिहाई स्थित बैंक का जनधन खाता भी लिंक था। इस खाते की जांच से उमा देवी कांशीराम आवास योजना की रहने वाली निकली। उसके पति का नाम पदम चंद है।
साभार - अमर उजाला डिजिटल
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