ताजमहल में शुरू हुआ उर्स, विरोध में हिंदू महासभा ने किया शिव चालीसा का पाठ

आगरा, 06 फरवरी। ताजमहल में 369वां उर्स मंगलवार से शुरू हो गया। आठ फरवरी तक लाखों पर्यटक और आम जनता ताजमहल में मुख्य कब्रों का दीदार कर सकेगी। इस साल 1560 मीटर की चादर कब्रों पर चढ़ाई जाएगी। दूसरी तरफ अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने उर्स के विरोध में सिद्धि मेहताब बाग पर गंगा जल चढ़ाकर जलाभिषेक किया और शिव चालीसा का पाठ शुरू किया।
ताजमहल के उर्स को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा पिछले कई दिनों से विरोध कर रही है। महासभा ने कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद सोमवार को एएसआई को भी ज्ञापन दिया। कोर्ट ने आयोजन समिति को नोटिस दिया और पूछा कि किसकी अनुमति से उर्स का आयोजन किया जाता है। आरटीआई में एएसआई द्वारा यह जानकारी दी जा चुकी है कि उर्स के लिए न तो मुगल, न अंग्रेज और न ही भारत सरकार की तरफ से कोई अनुमति है। महासभा के नेता संजय जाट ने बताया कि अदालत ने दो दिन में नोटिस का जवाब मांगा था। जवाब दिया गया या नहीं, इस बारे में उनके वकील पता कर रहे हैं। अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई चार मार्च को होनी है।
ताजमहल में तीन दिन तक चलने वाले उर्स में तीनों दिन अलग-अलग रस्में अदा की जाती है। गुस्ल, संदिल और चादरपोशी की जाती है। कव्वाली होती है। मुशायरा होता है। पूरे साल में सिर्फ एक बार शाहजहां और मुमताज के उर्स पर ताजमहल तहखाने के भीतर मौजूद असली कब्र आम लोगों के लिए खोली जाती है।
छह और सात फरवरी को दोपहर दो बजे के बाद, जबकि आठ फरवरी को पूरा दिन एंट्री फ्री रहती है। अंतिम दिन ही चादरपोशी की जाती है। इस साल 1560 मीटर की चादर चढ़ाई जाएगी।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के जिला अध्यक्ष संजय सिंह ने आरटीआई लगाई है। सीपी से जानकारी मांगी है कि जनपद में धारा 144 लागू हो चुकी है। ऐसे में उर्स के आयोजन की अनुमति ली गई है या नहीं। अगर ली गई है तो छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए।
हिंदू महासभा ने उर्स के विरोध में सिद्धि मेहताब बाग पर गंगा जल चढ़ाकर जलाभिषेक किया और शिव चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। अखिल भारत हिंदू महासभा के जिला अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा, जिस तरह मुगल आक्रांताओं ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई और जबरन वहां पर नमाज अदा की गई।
हमने ताजमहल में उर्स से संबंधित कोर्ट का सहारा लिया है। कोर्ट को बताया कि जो उर्स हो रहा है, वह गैर कानूनी है। 
अखिल भारत हिंदू महासभा की मंडल अध्यक्ष मीना दिवाकर ने कहा कि उन्होंने उर्स के विरोध में मेहताब बाग पर भगवान भोलेनाथ का चित्र लगाकर ताजमहल पर सांकेतिक शिव चालीसा का पाठ किया और गंगाजल से जलाभिषेक कर उर्स का विरोध किया।
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