भाजपा के आठवें प्रत्याशी ने बढ़ा दीं सपा के राज्यसभा प्रत्याशियों की मुश्किलें, कोई नाम वापस न हुआ तो चुनाव होना तय

लखनऊ, 15 फरवरी। बुधवार तक आसान माना जा रहा राज्यसभा की दस सीटों के लिए होने वाला चुनाव में अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में अपना आठवां उम्मीदवार उतार कर समाजवादी पार्टी के खेमे में बेचैनी पैदा कर दी।
भाजपा के आठवें प्रत्याशी संजय सेठ ने गुरुवार की दोपहर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में अपना पर्चा भरा। इसके पहले बुधवार को भाजपा के सात उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था। आठवें प्रत्याशी संजय सेठ के नामांकन भरने के बाद सपा के तीनों उम्मीदवारों आलोक रंजन, जया बच्चन और रामजीलाल सुमन नए सिरे से रणनीति पर विचार शुरू कर दिया है।
राज्यसभा की 10 सीटों के लिए अब 11 उम्मीदवार हो गए हैं। यदि किसी ने पर्चा वापस नहीं लिया तो 27 फरवरी को चुनाव होगा।
"हिंदुस्तान लाइव" के अनुसार, राज्यसभा की एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए विधानसभा के 37 सदस्यों के प्रथम वरीयता वोटों की जरूरत होगी। यूपी विधानसभा में इस वक्त चार सीटें खाली हैं। कुल 399 विधायकों में से 252 भाजपा के हैं। भाजपा को एनडीए में शामिल अपना दल (सोनेलाल पटेल) के 13, निषाद पार्टी के छह, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह विधायकों का भी समर्थन है। इसके साथ ही हाल में एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनी रालोद के नौ विधायक भी उसके साथ हैं। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के जनसत्ता दल के दो सदस्यों का भी समर्थन भाजपा को मिल सकता है। 
कुल मिलाकर भाजपा को सात उम्मीदवार जिताने के बाद आठवें उम्मीदवार के लिए कम से कम 14 अतिरिक्त वोटों की जरूरत पड़ेगी।
समाजवादी पार्टी के पास 108 विधायक हैं। कांग्रेस के विधायकों को जोड़ने के बाद भी तीसरे उम्मीदवार की जीत के लिए कम से कम एक वोट की जरूरत पड़ेगी। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित होते ही सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया तो पार्टी विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल की भी नाराजगी सामने आ गई। पल्लवी पटेल के रुख से उम्मीद जताई जा रही है कि हो सकता है कि वे मतदान के दौरान सपा का समर्थन न करें। वहीं, वर्ष 2019 में भाजपा में शामिल होने से पहले संजय सेठ सपा में ही थे। सपा के कई नेताओं से उनके अच्छे रिश्ते रहे हैं। वह सपा में सेंध लगाने का प्रयास करेंगे। 
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