दो शिक्षिकाओं की बर्खास्तगी से एंग्लो बंगाली गर्ल्स इन्टर कॉलेज के मामले ने फिर पकड़ा तूल
आगरा, 07 फरवरी। छीपीटोला चौराहे के नजदीक स्थित एंग्लो बंगाली गर्ल्स इंटर कॉलेज का मामला फिर से तूल पकड़ने लगा है। विगत दिनों इस कॉलेज की दो शिक्षिकाओं को तथाकथित प्रबंध समिति द्वारा बर्खास्त कर दिया गया। मंगलवार को शर्मा गुट द्वारा बैठक कर इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति द्वारा महिला शिक्षकों का उत्पीड़न और प्रबंध समिति को अवैध बताते हुए निरस्त करने की मांग की गई। अब एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है।
एंग्लो बंगाली गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या दुर्गेश शर्मा द्वारा बताया गया कि शर्मा गुट द्वारा उनकी प्रबंध समिति को अवैध बताया जा रहा है। जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय द्वारा समिति को वैध करार दिया गया है। डीआईओएस की आख्या में भी उनकी समिति को अवैध नहीं बताया गया।
प्रधानाचार्या ने बताया कि शर्मा गुट द्वारा दो शिक्षिकाओं को गलत तरीके से बर्खास्त करने का आरोप लगाया जा रहा है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दोनों शिक्षिका के व्यवहार और उनके द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं के चलते उन्हें बर्खास्त किया गया है। पहली शिक्षिका सीमा त्यागी हैं, जो अभी भी अपने आप को प्रधानाचार्या बताती हैं। उनके पति कृष्ण मोहन त्यागी डीआईओएस प्रथम के बाबू हैं। उन्होंने असंवैधानिक तरीके से अपनी पत्नी को यहां प्रधानाचार्या बनाने की कोशिश की। जब वह इसमें सफल नहीं हुए तो उन्होंने आरोप लगाने शुरू कर दिए कि प्रबंध समिति फर्जी है। फिर उन्होंने कार्यालय से कुछ अभिलेख भी गायब कर दिए। जिन्हें उनके और प्रबंधन समिति द्वारा मांगा गया। जब अभिलेख नहीं दिए गए तो प्रबंध समिति ने कार्रवाई कर दी।
प्रधानाचार्या ने बताया कि इसके अलावा एक और शिक्षिका शिल्पी शर्मा हैं, जिनके ऊपर मजबूरन प्रबंध समिति को कार्रवाई करनी पड़ी। शिल्पी शर्मा बिना बताए गाड़ी लेकर निकल जाती थीं। जब प्रबंध समिति की तरफ से प्रश्न किए गए तो उन्होंने प्रबंधक के ऊपर छेड़खानी का आरोप लगा दिया। पुलिस से भी इसकी शिकायत की। इसके बाद प्रबंधन समिति को शिल्पी शर्मा को बर्खास्त करना पड़ा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विशाल आनंद का कहना है कि 20 सितंबर, 2023 को मंडलायुक्त ने एक जांच समिति का गठन किया था। स्कूल की प्रबंध समिति के निर्वाचन के लिए जिस व्यक्ति को निर्वाचन अधिकारी बनाया गया था, उसका चुनाव के दिन का एक्सीडेंट हो गया। जिसकी वजह से वह निर्वाचन में मौजूद नहीं रह पाए। स्कूल में समिति द्वारा कोई अन्य चुनाव अधिकारी नियुक्त कर लिया गया और चुनाव करा लिए गए। विशाल आनन्द के अनुसार, जांच समिति ने मंडलायुक्त को रिपोर्ट दी और डीआईओएस को निर्देश दिया गया कि यह चुनाव अवैध तरीके से हुआ है और इसे निरस्त कर दिया जाए।
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