चालीस साल बाद मिले तो मूर्ति से लिपट कर रो पड़े स्वामी रामभद्राचार्य

आगरा, 10 अप्रैल। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज रविवार को करीब चालीस साल बाद यहां नाई की मंडी स्थित प्रेम निधि मंदिर पहुंचे तो ठाकुर जी की प्रतिमा को गले लगा लिया। इसके बाद वे ठाकुरजी की प्रतिमा से बात करने लगे। ठाकुरजी की भक्ति में जगद्गुरु ऐसे लीन हुए कि उनकी आंखों से आंसू निकल आए। ठाकुरजी की प्रतिमा से बात करते हुए बोले, 'देखिए मैं आपसे मिलने आ गया। आपने हमें बुला ही लिया।' 
नाई की मंडी में प्रेम निधि परिवार का प्राचीन मंदिर है। मंदिर में श्याम बिहारी की प्रतिमा है। बताया गया है कि 40 साल पहले वर्ष 1983 में स्वामी रामभद्राचार्य महाराज इस मंदिर में आए थे। तब उन्होंने यहां पर राम कथा की थी। रविवार सुबह रामभद्राचार्य महाराज फिर से मंदिर पहुंचे। मंदिर में पहुंचते ही उन्होंने ठाकुरजी की प्रतिमा को प्रणाम किया और उनके चरण स्पर्श किए और एक मिनट तक ठाकुर जी की प्रतिमा से लिपटे रहे।
इसके बाद वे ठाकुर जी की मूर्ति से बात करने लगे। उन्होंने कहा, 'प्रभु हम आपसे मिलने आ गए। चालीस बरस पहले भी आए थे। आपने हमें बुला लिया।' ठाकुरजी से बात करते हुए रामभद्राचार्य जी महाराज की आंखों में आंसू आ गए।
जगद्गुरु का ठाकुरजी के प्रति प्रेम देखकर मंदिर में मौजूद लोग भाव विभोर हो गए। हर भक्त की आंखों में आंसू आ गए। इसके बाद रामभद्राचार्य महाराज ने ठाकुरजी की आरती की। स्वामीजी ने मंदिर के सेवायत हरीमोहन गोस्वामी से भी काफी देर तक बात की। सेवायत ने जगद्गुरु को मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं होने के बारे में बताया।
मंदिर के जीर्णोद्धार की अपील की रामभद्राचार्य महाराज ने कथा के दौरान प्रेम निधि मंदिर बारे में भक्तों को बताया। कहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं हो रहा है। मैंने वहां मंगला आरती की और सुबह ठाकुरजी के दर्शन किए। मुझे वहां भागवत की हस्तलिपि प्रति भी महसूस कराई गई। ये वही प्रति थी, जिससे पहले प्रेम निधि महाराज भागवत करते थे।
उन्होंने कहा कि अकबर के समय में प्रेम निधि ठाकुरजी की सेवा कर रहे थे, तो अकबर को किसी ने बताया कि इनके यहां सुंदर महिलाएं आती रहती हैं। अकबर ने उनको बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। तब उन्हें पैगंबर साहब ने समझाया कि आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हो, तब अकबर ने उनसे क्षमा मांगी थी।
रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार अगर नवंबर तक होगा तो मैं दिसंबर में भागवत कथा यहीं सीता बाजार मैदान में सुनाऊंगा। इसके बाद श्रीराम सेवा समिति ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की।
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