फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दवा फैक्ट्री हड़पने की एफआईआर दर्ज, मथुरा में चर्चा का विषय बना विवाद
मथुरा, 26 दिसम्बर। जिले में स्थित दवा निर्माण इकाई मैसर्स ग्लैमसन हेल्थकेयर के सह–संस्थापक डॉ. शोभित गुप्ता ने अपने साझेदार अरुण शर्मा सहित अन्य पर धोखाधड़ी, जालसाजी और षड्यंत्र के आरोप लगाए हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह धोखाधड़ी की गई। इस संबंध में उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से शिकायत की तो उन्होंने एसपी सुरक्षा से जांच कराई। जांच के बाद कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज हुई है।
डॉ. शोभित गुप्ता के अनुसार, उन्होंने और अरुण शर्मा ने वर्ष 2016 में मैसर्स ग्लैमसन हेल्थकेयर नाम से साझेदारी फर्म स्थापित की थी, जिसमें दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। यह इकाई यूपीएसआईडीसी के प्लॉट संख्या K-6, एनएच-2, रिफाइनरी गेट नंबर-1 के सामने स्थापित की गई थी। फर्म का संचालन संयुक्त रूप से किया जा रहा था और दवाइयों का उत्पादन किया जा रहा था।
आरोप है कि बाद में अरुण शर्मा ने फर्म के उत्पादों को अपनी निजी फर्म के नाम से बेचकर व्यक्तिगत लाभ लेना शुरू कर दिया। विवाद बढ़ने पर साझेदारी समाप्त करने को लेकर समझौता हुआ, ग्लैम सन हेल्थ केयर जिसकी आज की मार्केट वैल्यू करीब 15 से 20 करोड़ रुपये है जो डॉ. शोभित गुप्ता को कुल 1.50 करोड़ रुपये अरुण शर्मा को देने का समझौता किया। अरुण शर्मा ने बिना भुगतान किए फर्जी दस्तावेज बनाकर डॉक्टर शोभित गुप्ता की पार्टनरशिप नवीन चौधरी वृन्दावन को बेच दी, जब डॉ शोभित गुप्ता को इस बात का पता चला तो यूपीएसआईडीसी से पूछा कि ये फैक्टरी कैसे मेरी बिना परमिशन के ट्रांसफर कर दी गई तो उन्होंने एचडीएफसी बैंक का वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट दिया जिसके आधार पर यह ट्रांसफर किया गया। डॉक्टर शोभित गुप्ता ने बताया कि उनके कथित हस्ताक्षरों का बैंक सत्यापन दिखाया गया, जो जांच में फर्जी निकला। संबंधित बैंक द्वारा लिखित रूप में पुष्टि की गई है कि ऐसा कोई प्रमाणपत्र बैंक द्वारा जारी नहीं किया गया। जब इस मामले में अरुण शर्मा से बात की तो उसने धमकी दे डाली।
डॉ. शोभित गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस पूरे प्रकरण में यूपीएसआईडीसी आगरा कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की भी संलिप्तता है, जिन्होंने बिना सत्यापन और सहमति के हस्तांतरण की कार्यवाही कर दी। उन्होंने 29 जुलाई, 2025 को यूपीएसआईडीसी कार्यालय में शिकायत भी दी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में एसएसपी से शिकायत की गई तो उन्होंने एसपी सुरक्षा को जांच के आदेश दिए। एसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने कोतवाली पुलिस को जांच के आदेश दिए। कोतवाली ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
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