डॉक्टरों की हड़ताल वापस, डा अनुराग बंसल की गलती न मिलने पर खत्म होगी विवेचना, प्रकरण से जुड़े पुलिसकर्मी लाइनहाजिर, एडवाइजरी जारी होगी

आगरा, 11 दिसम्बर। उजाला सिगनिस रेनबो हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ अनुराग बंसल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से नाराज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की जिला शाखा की गुरुवार दोपहर से प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली है। आईएमए भवन में डीसीपी सिटी सैय्यद अली अब्बास के साथ बैठक के बाद आईएमए अध्यक्ष डॉ पंकज नगायच और अन्य पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक के तुरंत बाद डीसीपी सिटी सैय्यद अली अब्बास ने मीडिया को बताया कि डॉ अनुराग बंसल के मामले में संबंधित पुलिसकर्मियों को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया गया है। पूरा प्रकरण गंभीरता से जांच के अधीन है और सभी संबंधित लोगों के विरुद्ध विस्तृत जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दर्ज मुकदमे में डॉक्टर अनुराग बंसल की कोई गलती नहीं पाई जाती है तो विवेचना समाप्त कर दी जाएगी। इसके अलावा जिलास्तर पर एक एडवाइजरी जारी की जाएगी, जिसमें बिना जांच के किसी भी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किए जाने को कहा जाएगा। मामले की पूरी विस्तृत जांच कराई जा रही है।
आईएमए अध्यक्ष डॉ. पंकज नगायच ने बताया कि करीब एक घंटे चली बातचीत के बाद डॉक्टरों की सभी मांगों पर सहमति बनने के बाद आईएमए ने हड़ताल वापसी की घोषणा कर दी।
बैठक में मौजूद डॉक्टर अनुराग बंसल ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि मरीज के परिजनों ने निराधार आरोप लगाते हुए भीड़ के साथ हंगामा किया। मौके पर पहुंचे एसआई पर भी डॉक्टर ने अभद्रता का आरोप लगाया। डॉ बंसल के अनुसार, अस्पताल ऑफिस में मरीज पक्ष के एक व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी।
बता दें कि विगत 29 नवंबर को डॉ. बंसल के खिलाफ थाना सिकंदरा में एफआईआर दर्ज की गई थी। आईएमए का कहना था कि उनके विरुद्ध बिना किसी प्राथमिक जांच, बिना चिकित्सकीय विशेषज्ञ समिति की राय और बिना उनका पक्ष सुने एफआईआर दर्ज की गई, जो कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है।
बाद में आईएमए द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि डीसीपी सिटी द्वारा बिना शर्त आईएमए सभागार में माफ़ी मांगने एवं सभी प्रमुख मांगों को लिखित में स्वीकार करने के बाद हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया गया। विज्ञप्ति के अनुसार, डॉ. अनुराग बंसल के विरुद्ध दर्ज एफआईआर को निरस्त किए जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। वहीं जिन व्यक्तियों की गलती पाई गई है, उनके विरुद्ध एफआईआर स्वीकार कर ली गई है। थाना सिकंदरा के प्रभारी तथा अन्य सम्बंधित कर्मचारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई (जिसमें निलंबन शामिल है) की मांग को भी प्रशासन द्वारा स्वीकार किया गया है। सभी थानों में चिकित्सकों के विरुद्ध किसी भी कार्रवाई के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के कड़ाई से पालन का लिखित आश्वासन दिया गया है। जिस पुलिस कर्मी ने अल्ट्रासाउंड कक्ष में जबरन प्रवेश कर नियमों का उल्लंघन किया (जब एक महिला का परीक्षण चल रहा था), उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारम्भ करने का भी आश्वासन दिया गया है।
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