आगरा के बहादुर बालक अजय को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, मगरमच्छ के मुंह से पिता को खींच लाया था बेटा
आगरा, 26 दिसम्बर। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ताजनगरी में अपनी जान की बाजी लगाकर पिता को मगरमच्छ के मुंह से खींच लाने वाले बेटे राष्ट्रपति भवन में बुलाकर सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने दस वर्षीय अजयराज की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसके जैसे बच्चे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
अजयराज जिले के झरनापुरा हरलालपुर गांव निवासी किसान वीरभान चाहर का बेटा है। उसे सम्मान मिलने के बाद गांव में खुशी और गर्व का माहौल है।
गौरतलब है कि इसी वर्ष जुलाई माह में अजय के पिता वीरभान आगरा-धौलपुर सीमा क्षेत्र के चंबल नदी के किनारे पानी लेने गए थे। साथ में अजय भी था। इसी दौरान नदी में छिपे मगरमच्छ ने अचानक वीरभान के पैर को जबड़े में दबोच लिया और उन्हें गहरे पानी की ओर खींचने लगा। वीरभान की चीख सुनकर बेटा अजय उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़ा। पहले तो वह घबराया, लेकिन पिता को मगरमच्छ के जबड़े में फंसा देखकर उसने डर पर काबू पाया। अजय ने बिना समय गंवाए नदी किनारे पड़ा बबूल का मोटा डंडा उठाया और मगरमच्छ पर लगातार वार शुरू कर दिए।
अचानक हुए इन प्रहारों से मगरमच्छ घबरा गया और कुछ ही क्षणों में वीरभान को छोड़कर वापस नदी में चला गया। इस दौरान मगरमच्छ ने एक बार अजय की ओर भी झपट्टा मारा, लेकिन वह सूझबूझ से बच गया। घटना में वीरभान गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद आगरा रेफर किया गया। चिकित्सकों के अनुसार समय पर मदद न मिलती तो हादसा जानलेवा हो सकता था।
साहसिक घटना के बाद अजयराज की बहादुरी चर्चा फैल गई। उसके साहस और त्वरित निर्णय क्षमता का पता चलने पर राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उसे सम्मानित किया।
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