"...तो आने वाले वर्षों में ऐसी अनगिनत मौतें हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बन जाएंगी" || डॉ संजय चतुर्वेदी की भावुक अपील- सड़क सुरक्षा को ज़मीनी मिशन बनाएं

आगरा, 02 दिसम्बर। शहर के वरिष्ठ अस्थिरोग विशेषज्ञ और जिला व मंडलीय रोड सेफ्टी कमेटी के सदस्य डॉ. संजय चतुर्वेदी ने रविवार की रात सड़क हादसे में एसएन मेडिकल कॉलेज के दो छात्रों की मौत पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि यह हादसा सिर्फ दो मेडिकल छात्रों की व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि यह संकेत है कि अगर सड़क सुरक्षा पर अभी भी औपचारिकता के स्तर पर काम होता रहा तो आने वाले वर्षों में ऐसी अनगिनत मौतें हमारी सामूहिक जिम्मेदारी बन जाएंगी।
सामाजिक सरोकारों को लेकर हमेशा मजबूती से आवाज उठाते रहे डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि देश हर साल डेढ़ से दो लाख से अधिक लोगों को सड़क दुर्घटनाओं में खो रहा है, जिनमें बड़ी संख्या दोपहिया सवारों और युवाओं की है। रिपोर्टें बताती हैं कि समय पर ‘गोल्डन ऑवर’ के भीतर उपचार मिल जाए तो लगभग आधी मौतें टाली जा सकती हैं।
उन्होंने कहा, "अब ज़रूरत है कि सड़क सुरक्षा को कागज़ी बैठकों से निकालकर ज़मीनी मिशन बनाया जाए–हर ज़िले में ब्लैक स्पॉट सुधार, स्पीड कंट्रोल, हेलमेट–सीटबेल्ट की सख्त चेकिंग और ड्राइवर ट्रेनिंग को समयबद्ध लक्ष्य के साथ लागू किया जाए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित कैशलेस गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट स्कीम, इमरजेंसी एम्बुलेंस नेटवर्क और ट्रॉमा केयर को वास्तविक रूप से लागू कर, उसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।"
डॉ. संजय चतुर्वेदी ने अपील की कि हर संस्था, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और आम नागरिक इस मुद्दे को “साइड इश्यू” न मानें। यह सीधे जीवन के अधिकार और हमारी अगली पीढ़ी के भविष्य से जुड़ा प्रश्न है, जिस पर आज लिए गए कठोर निर्णय ही कल की सुरक्षित सड़कों की नींव बनेंगे।
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