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आगरा के युवा अभिनेता संकल्प भारद्वाज की फिल्म 'उस्ताद बंटू' का इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चयन
आगरा, 17 दिसंबर। शहर के युवा अभिनेता संकल्प भारद्वाज अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। अर्ष जैन द्वारा निर्देशित उनकी फ़िल्म ‘उस्ताद बंटू’ का चयन इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल रॉटरडैम 2026 के प्रतिष्ठित हार्बर सेक्शन में हुआ है। यह सेक्शन वैश्विक स्तर पर उभरते, साहसी और सशक्त सिनेमाई प्रयोगों के लिए जाना जाता है।
संकल्प भारद्वाज की माँ डॉ. मधु भारद्वाज ने बताया कि ‘उस्ताद बंटू’ का निर्माण 1719 फ़िल्म फ़ैक्ट्री और येलो ऑरेंज के बैनर तले किया गया है। इससे पहले फ़िल्म ‘उस्ताद बंटू’ आईएफएफआई के अंतर्गत आयोजित वेव्स बाज़ार के वर्क-इन-प्रोग्रेस लैब में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है, जहाँ इसे प्रसाद लैब्स द्वारा विशेष कलर करेक्शन मेंशन प्राप्त हुआ। संकल्प भारद्वाज वर्ष 2023 और 2024 में एलटीजी रिपर्टरी का हिस्सा रहे, जो भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत देश की अग्रणी रंगमंच संस्थाओं में से एक है।
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दो टीमों के बीच हुई लीग टीम ए ने जीती
आगरा, 17 दिसंबर। टीम ए ने जिला स्तरीय सीनियर महिला क्रिकेट लीग जीत ली। फाइनल मैच में उसने टीम बी को 5 विकेट से हराया। प्रतियोगिता में दो ही टीमों ने भाग लिया।
टीम बी ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट खोकर 191 रनों का स्कोर खड़ा किया। अंजली सिंह ने 51, विनीता बघेल ने 67, उमा चौधरी ने 21 रनों का योगदान दिया। टीम ए की ओर से अवन्या जैन ने 3, अदिति सिंह ने दो, तान्या चतुर्वेदी, सुरक्षा चाहर और अंशिका ने एक-एक विकेट प्राप्त किया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम बी ने 34.2 ओवरों में पांच विकेट होकर निर्धारित लक्ष्य प्राप्त किया। टीम के लिए पूजा राजपूत ने 56, अंशिका ने 45, श्रेया यादव ने 29, वंशिका रघुवंशी ने 26 रनों का योगदान दिया। टीम बी की ओर से विनीता बघेल ने दो, अंजली सिंह ने और सलोनी तोमर ने एक, एक विकेट प्राप्त किया।
अवन्या जैन को शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच का पुरस्कार प्रदान किया गया। प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का पुरस्कार रमा कुशवाहा को दिया गया।सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज पूजा राजपूत, सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज विनीता बघेल, सर्वश्रेष्ठ फील्डर उमा चौधरी रही। पुरस्कार वितरण राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी एवं पूर्व चयनकर्ता शिखा झींगरन और गायत्री यादव ने किया।
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75 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले 50 पेंशनरों का सम्मान
आगरा, 17 दिसंबर। पेंशनर्स दिवस के उपलक्ष में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पेंशनर्स एसोसिएशन की जिला इकाई ने 75 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके 50 पेंशनर्स का सम्मान किया। खण्डेलवाल सेवा सदन पंचकुइया रोड पर बुधवार को हुई वार्षिक साधारण सभा में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। सचिव अनिल वर्मा ने बतलाया कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेंशनर्स के वर्षों से लम्बित वित्तीय मामलों को प्राथमिकता पर सुलझाया जा रहा है, लेकिन विभिन्न अदालतों में बहुत वर्षों से लम्बित मामलों में समस्याएं अभी बनी हुई हैं। अध्यक्ष एस एन गर्ग ने 75 वर्ष पूर्ण करने वाले पेंशनर्स को एक्स ग्रेशिया का भुगतान प्रारम्भ करने के लिए सरकार और बैंक प्रबन्धन का आभार व्यक्त किया।
इससे पूर्व संरक्षक वी के गुप्ता, अध्यक्ष एस एन गर्ग, सचिव अनिल वर्मा, राकेश कुमार गर्ग कोषाध्यक्ष, मेघ सिंह, सुरेश चन्द्र अग्रवाल, बिशन कुमार जैन, वी एस वरूण ने गणपति प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। दिल्ली से रविंद्र गुप्ता, सुनील चुघ, बी के यादव, राजेश शर्मा, तरुण नागपाल, दीपक बंसल, सुधीर शर्मा और महेश गुप्ता ने सहभागिता की। पी. सी. अग्रवाल, राजीव सक्सेना, हर प्रसाद, सतिव महेन्द्रू, सरिता शर्मा, सुभाष चंद्र गुप्ता, राकेश कुमार गर्ग, मेघ सिंह, यू सी केन, सुमन अग्रवाल, जी डी खंडेलवाल, नन्द नन्दन गर्ग, हरीश गोयल, के एम मित्तल, एन डी असवानी की उपस्थिति रही। संचालन वी के तिवारी ने किया।
________________________________________नर हाथी सूरज और राजेश ने मनाई आज़ादी की वर्षगाँठ
आगरा, 17 दिसंबर। वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपने दो नर हाथी, सूरज और राजेश की स्वतंत्रता का जश्न मनाया, जिनका अतीत पीड़ा से भरा रहा और वर्तमान में उन्हें भरपूर देखभाल मिल रही है। वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा बचाए जाने के बाद से दोनों हाथी क्रमशः 10 और 15 वर्ष की स्वतंत्रता पूरी कर रहे हैं। लंबे समय तक दुर्व्यवहार और कैद में रहने के बाद बचाए गए ये दोनों हाथी आज मथुरा के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में रहते हैं, जहां उन्हें विशेष पशु चिकित्सा देखभाल और आवश्यक सहायता मिलती रहती है।
सूरज और राजेश बिल्कुल अलग-अलग परिस्थितियों में वाइल्डलाइफ एसओएस पहुंचे। सूरज को महाराष्ट्र के एक मंदिर से वर्षों तक एकांतवास और बंधन में रहने के बाद बचाया गया था, जबकि राजेश को उत्तर प्रदेश के एक सर्कस से मुक्त कराया गया था, जहां उसे मनोरंजन के लिए अप्राकृतिक करतब दिखाने के लिए मजबूर किया जाता था।
सूरज, जो अब 55 वर्ष का है, को 2015 में महाराष्ट्र के सतारा में बचाया गया था, जहाँ उसने अपना अधिकांश जीवन एक अंधेरे बाड़े में जंजीरों से बंधा हुआ बिताया था। वाइल्डलाइफ एसओएस के पशु चिकित्सकों द्वारा जांच किए जाने पर, हाथी गंभीर रूप से सड़ चुके पैरों, कई घावों, संक्रमण, कुपोषण और अपने बाएं कान के स्थायी रूप से खो जाने से पीड़ित पाया गया। आज, सूरज अपने शांत स्वभाव, गन्ने और फलों के प्रति लगाव और पूल में बिताए गए लंबे घंटों के लिए जाना जाता है।
इसके अलावा राजेश एक पूर्व सर्कस हाथी था, जिसे जबरन प्रदर्शन के जीवन से मुक्त कराया गया था। वर्षों के दुर्व्यवहार के कारण उसे गंभीर मानसिक पीड़ा हो गई थी। संरक्षण केंद्र में आने के समय, राजेश में स्पष्ट रूप से रूढ़िवादी व्यवहार और मनुष्यों से डर दिखाई देता था।
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