चाहर ने नियम 377 के तहत लोकसभा में उठाया टीटीजेड और एनजीटी का मुद्दा

आगरा, 12 दिसम्बर। फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर ने एक बार फिर लोकसभा में ताज ट्रिपेजियम जोन को लेकर आगरा और आसपास के क्षेत्रों में उद्योगों को लेकर आ रही समस्याओं को उठाया। 
सांसद चाहर ने नियम 377 के अधीन सवाल रखते हुए कहा कि ताजमहल की ऐतिहासिक विरासत और उसकी अद्वितीय खूबसूरती को संरक्षित रखने के लिए आगरा, फिरोजाबाद, हाथरस, मथुरा एवं भरतपुर क्षेत्रों को ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के विभिन्न पर्यावरणीय प्रतिबंधों के दायरे में रखा गया है। यहाँ प्रतिबंधों के कारण इन जनपदों में बड़े एवं भारी उद्योगों की स्थापना संभव नहीं हो पाती है। नतीजतन, यहाँ के हजारों नौजवानों को सीमित रोजगार अवसर मिलते हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है और युवा निरंतर अन्य शहरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि आगरा देश के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन नगरों में से एक है और साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बेहद निकट होने के कारण अत्यंत रणनीतिक एवं वाणिज्यिक दृष्टि से भी उपयुक्त शहर है। इसलिए आगरा को देश का प्रमुख आई.टी. केंद्र (IT Hub) घोषित किया जाए। यदि आगरा को आईटी हब के रूप में विकसित किया जाता है, तो न केवल इस क्षेत्र के युवाओं का पलायन रुकेगा, बल्कि आगरा और आसपास के जिलों में आर्थिक विकास की नई संभावनाएँ भी खुलेंगी।
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