आगरा पुलिस की बड़ी कार्रवाई: तीन सौ करोड़ की ठगी करने वाले तीन साइबर गिरोहों का भंडाफोड़, 32 गिरफ्तार

आगरा, 14 दिसम्बर। कमिश्नरेट पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन गिरोहों का भंडाफोड़ किया है। थाना ताजगंज, थाना जगदीशपुरा, थाना किरावली एवं एसओजी, सर्विलांस व साइबर सेल तथा साइबर काउंटर इंटेलिजेंस टीम द्वारा साइबर अपराध के विरुद्ध की गई संयुक्त कार्यवाही में कुल 32 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। थाना ताजगंज क्षेत्र से 24, थाना जगदीशपुरा क्षेत्र से छह और थाना किरावली क्षेत्र से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
एडिशनल सीपी आदित्य कुमार ने रविवार को मीडिया को बताया कि अब तक करीब 300 करोड़ रुपये का फ्रॉड सामने आया है और 600 से अधिक शिकायतें दर्ज थीं। ठगी की रकम दुबई के खातों में ट्रांसफर की जाती थी। गिरोह का सरगना नितिन दुबई में है, जिसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी है।संयुक्त ऑपरेशन में करीब 600 बैंक खातों को सीज किया गया है। अभियुक्तों के कब्जे से 02 लैपटॉप, 34 मोबाइल फोन, 02 प्रिंटर, 22 एटीएम कार्ड, 07 सिम कार्ड, 10 चेकबुक, 10 पासबुक, 10 फर्जी आधार कार्ड, 01 कार एवं ₹35,654/- बरामद किए गए। 
खबरों के अनुसार, इन आरोपियों को पकड़ने में पुलिस की अलग-अलग टीम में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी लगे थे। गिरोह के तार विदेशों से जुड़े हुए हैं। गैंग भोले-भाले लोगों को बहला फुसलाकर उनके खाते खुलवाते थे। फिर उन खातों का साइबर फ्रॉड की धनराशि के लिए प्रयोग करते थे।
एडीसीपी सिटी ने बताया कि एनसीआरपी पोर्टल पर अलग-अलग लोगों ने साइबर फ्रॉड और बैंक खातों के गलत इस्तेमाल की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा इन शिकायतों की जांच की गई। एक शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि पिछली 15 जून को वह एटीएम पर रुपये निकालने गया था। वहां एक व्यक्ति ने उससे नगद 3600 रुपये मांगे और ऑनलाइन रुपये देने को कहा। उसने मदद करते हुए एटीएम से रुपएबनिकालकर दे दिए। इसके बाद उसे पता चला कि उसका खाता होल्ड हो गया है। जब बैंक में पता किया तो पता चला कि उनके खाते में साइबर फ्रॉड के 36 हजार रुपये आए थे। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो किरावली के ऋषि नामक व्यक्ति का नाम सामने आया। उसके लिंक खाते की जांच में 54 शिकायत दर्ज पाई गईं। जब पूरे मामले की गोपनीय जांच की गई तो नितिन भगौर नाम के व्यक्ति के साथ साइबर क्राइम के संगठित गैंग चलाने की बात सामने आई।
पुलिस ने इस मामले में 13 दिसंबर को ताजगंज से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका एक गैंग है। सभी मिलकर साइबर ठगी जैसे डिजिटल अरेस्ट, व्हाट्सएप व टेलीग्राम पर यूपीआई लिंक भेजकर फ्रॉड, गूगल पर विज्ञापन चलाकर, क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ठगी करते हैं। इनके पास से पुलिस को कई फर्जी आधार कार्ड भी मिले। इनका कनेक्शन दुबई में बैठे सरगना नितिन से निकला है। नितिन व उसका साथी रवि राठौर ने बोगस कंपनी मेडलर सर्विसेज ग्रुप बनाई है। इस ग्रुप के खाते पर ही वो भारत से साइबर फ्रॉड की रकम मंगाता था। गैंग के नौ लोग अभी फरार हैं।
पुलिस ने थाना शाहगंज में लोन के नाम पर ठगने वाले गिरोह के छह लोगों को भी गिरफ्तार किया। ये लोग सोशल मीडिया पर मोबीक्विक लोन एप का प्रमोशन करते थे। जो लोग लोन के लिए अपना मोबाइल नंबर डालते उन्हें ये एप डाउनलोड कराया जाता था। पांच हजार रुपये शुल्क जमा कराने पर 50 हजार रुपये का लोन तुरंत मंजूर करने का झांसा देते थे। इसके बाद ओटीपी लेकर एप के वॉलेट में जमा की गई राशि को निकाल लेते थे। गैंग राजस्थान से संचालित हो रहा था।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे लोगों के फर्जी आधार कार्ड भी बनवाते थे। सिकंदरा क्षेत्र के पनवारी में रहने वाले पवन के जनसेवा केंद्र पर ये काम कराते थे। पुलिस ने जनसेवा केंद्र संचालक पवन को भी गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कई और जनसेवा केंद्र संचालक पुलिस की रडार पर हैं।
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