Agra News: खबरें आगरा की.....

आरबीएस एजुकेशनल सोसाइटी में धरना
आगरा, 28 नवम्बर। आरबीएस एजुकेशनल सोसाइटी में कथित भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और जातीय भेदभाव के विरोध में क्षेत्रीय लोगों ने शुक्रवार से कॉलेज गेट पर बेमियादी धरना शुरू कर दिया। पहले दिन धरने पर महिला एवं बच्चे भी बैठे। 
किसान-मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह और बिचपुरी ब्लॉक प्रधान संगठन के अध्यक्ष हाकिम सिंह सोलंकी के नेतृत्व में क्षेत्रीय लोग एसबीआई बैंक पर एकत्रित हुए। यहां से महिलाओं और बच्चों के साथ पैदल मार्च करते हुए आरबीएस इंजीनियरिंग टेक्निकल कैंपस के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। यह धरना सोसाइटी की व्यापक ऑडिट, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, मृतक आश्रितों को नौकरी, हाईकोर्ट आदेशों के पालन, पुराने बायलॉज बहाली और जमीन देने वाले किसानों के बच्चों को वेटेज जैसी 12 प्रमुख मांगों को लेकर शुरू किया गया है।
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दिल्ली पब्लिक स्कूल और प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल विजयी 
आगरा, 28 नवम्बर। मून इंटर स्कूल क्रिकेट प्रीमियर लीग का पहला मैच दिल्ली पब्लिक स्कूल व आगरा पब्लिक स्कूल के मध्य खेला गया, जिसमें दिल्ली पब्लिक स्कूल ने 157 रनों से आगरा पब्लिक को हराया और दूसरा मैच प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल व भारतीय विद्यापीठ के मध्य खेला गया, जिसमें प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल ने भारतीय विद्यापीठ को 10 विकेट से हराया।
चार दिसंबर तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में 10 स्कूलों की टीमें भाग ले रही हैं। कार्यक्रम में शारदा गुप्ता व महेश चंद्र शर्मा ने विजयी टीमों को पुरस्कृत किया गया।
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छात्राओं ने सीखी ऑनलाइन सुरक्षा की ढाल
आगरा, 28 नवम्बर। मिशन शक्ति पहल के अंतर्गत प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल की कक्षा ग्यारह की छात्राओं के लिए महिला थाना, रकाबगंज में जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। 
सत्र का मुख्य उद्देश्य महिला सुरक्षा, साइबर हाइजीन और उभर रहे डिजिटल अपराधों से बचाव के प्रति सचेत करना था। मुख्य वक्ता मंजू चौधरी (निरीक्षक – मिशन शक्ति एवं एंटी-रोमियो प्रभारी) थीं। उनके साथ उप-निरीक्षक अरुण कुमार शर्मा, उप-निरीक्षक छोटे लाल, उप-निरीक्षक जय देव (महिला थाना), साइबर उप-निरीक्षक उमा वैश्य, उप-निरीक्षक शैली गुप्ता तथा उप-निरीक्षक ऋतु गुप्ता उपस्थित रहे। कुल 51 छात्राओं और 5 शिक्षकों ने इस कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लिया और निम्न महत्वपूर्ण विषयों पर उपयोगी जानकारी प्राप्त की।
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हथिनी मिया की आज़ादी का एक दशक
आगरा, 28 नवम्बर। दस साल पहले, एक लाचार हथिनी को सर्कस के रिंग से बचाया गया था, जो सालों तक कठोर प्रदर्शन दिखाने को मजबूर थी और जिसके कारण उसके शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ा था। छोटी बच्ची के रूप में जंगल से लाई गई उस हथिनी को करतब दिखाने और कठोर प्रशिक्षण भरे जीवन में धकेल दिया गया था। मिया ने आखिरकार दर्द और दुर्व्यवहार की दुनिया को पीछे छोड़ा, जब वाइल्डलाइफ एसओएस ने उसे 2015 में तमिलनाडु से बचाया। वह क्षण उसके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जहाँ से उसे आवश्यक उपचार मिलना शुरू हुआ। कभी सर्कस में प्रताड़ित मिया का जीवन कठोर प्रशिक्षण, अप्राकृतिक दिनचर्या और अथक शारीरिक परिश्रम से भरा था। 2015 में वन विभाग के सहयोग से वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा बचाए जाने पर, वह गंभीर और लंबे समय से चली आ रही चोटों के साथ मथुरा स्थित हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र लाई गई। बढ़ती उम्र संबंधित चुनौतियों से जूझते हुए, मिया की दोनों आँखों में कॉर्नियल अपारदर्शिता के लक्षण दिखाई दिए, जिसके परिणामस्वरूप उसे ठीक से दिखाई भी नहीं देता। उसके दोनों आगे के पैरों के नाखून कटी-फटी स्थिति में थे, नाखूनों की सतह खुली हुई थी और क्यूटिकल्स क्षतिग्रस्त थे, जिससे उसे सामान्य गति में चलने में भी असुविधा हो रही थी। मिया की उपचार यात्रा धीमी और स्थिर रही है, लेकिन उल्लेखनीय है। निरंतर उपचार से, उसके क्षतिग्रस्त नाखून धीरे-धीरे ठीक होने लगे हैं। नियमित औषधीय फुट बाथ, फुट-केयर रूटीन और विशेष वृद्धावस्था देखभाल ने उसे बेहतर ढंग से और कम असुविधा के साथ अपना वजन संभालने में मदद की है।
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