तटीय क्षेत्रों के घरों में घुसा बाढ़ का पानी, बेलनगंज की सड़कें डूबी, यमुना किनारे की अधिकांश कॉलोनियां जलमग्न

आगरा, 08 सितम्बर। खतरे के निशान से 1.05 फीट ऊपर पहुंच चुका यमुना नदी का पानी अब सड़कों पर आने के साथ घरों में घुस गया है। नदी को किनारे और डूब क्षेत्र के बनी कालोनियों, बस्तियों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों और घरों में पानी घुस चुका है। दयालबाग, बल्केश्वर और एत्मादउद्दौला क्षेत्र की दर्जनों कॉलोनियां पानी में घिर गई हैं। यमुना किनारा रोड पानी में डूबता जा रहा है। इससे ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को डर सता रहा है कि उनके गोदामों तक पानी पहुंचा तो माल खराब हो सकता है। कैलाश गांव में पूरी तरह पानी भर गया है।
शहरी क्षेत्र में नाले बैक मारने लगे हैं। सेक्सरिया कन्या विद्यालय में सोमवार को अवकाश घोषित करना पड़ा। यमुना किनारा मार्ग पर कामाख्या देवी मंदिर के सामने रेलवे पुल के नीचे भी पानी भर गया है। 
जिले में एक लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है। शहर में दयालबाग से जीवनी मंडी तक और यमुना पार में टेढ़ी बगिया से कछपुरा तक 50 से अधिक कॉलोनियों, मोहल्लों में पानी भर गया है।
जिला प्रशासन के ताजा अपडेट के अनुसार, गोकुल बैराज मथुरा से 1.63 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे कुछ घंटे बाद जलस्तर और बढ़ सकता है। सोमवार दोपहर चार बजे तक आगरा में यमुना का जलस्तर 501.05 फीट था, यह लगातार बढ़ रहा है। यमुना का अलर्ट लेवल 496.71 फीट, खतरे का लेवल 500 फीट और हाई फ्लड लेवल 507.74 फीट है।
पंद्रह साल पहले वर्ष 2010 में आगरा में 500 फीट तक यमुना का जलस्तर पहुंचा था वह रिकार्ड भी टूट गया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए ताजा अपडेट के अनुसार, पानी का बहाव और स्तर दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं। 
वर्ष 1978 में 508 फीट पहुंची थी यमुना
इससे पूर्व वर्ष 1978 में यमुना का जलस्तर 508 फीट तक पहुंच गया था। इसके बाद 2010 में यमुना का जलस्तर वाटर वर्क्स पर 499.6 फीट और 2023 में 499.3 फीट दर्ज किया गया था। बाढ़ नियंत्रण कक्ष प्रभारी चंचल के अनुसार वर्ष 1978 के बाद आगरा में यह यमुना का सर्वाधिक जलस्तर है।
दयालबाग और बल्केश्वर की कई कॉलोनियां बंद, बिजली काटी गई 
दयालबाग स्थित अमर विहार में तनिष्क राजश्री अपार्टमेंट में पानी भर गया। नालंदा टाउन, विकास अपार्टमेंट के अलावा खासपुर में मां गौरी टाउन डूब गया। जगनपुर, सिकंदरपुर, मनोहरपुर, नगला तल्फी में रास्तों में पानी है। बल्केश्वर में अनुराग नगर, लोहिया नगर में पानी भरा है। रामबाग बस्ती में बाढ़ से 50 परिवार विस्थापित हुए हैं जिन्हें गांधी स्मारक स्थित राहत शिविर में रखा गया है। मोती महल में 250 परिवार प्रभावित हैं। कैलाश मंदिर के गर्भ गृह में पानी भर गया है।
श्मशान घाट भी डूबे 
ताजगंज में मोक्षधाम डूब गया है और विद्युत शवदाह गृह के करीब पानी पहुंच गया है। सिर्फ कुछ इंच नीचे ही पानी है। अगर जलस्तर और बढ़ा तो विद्युत शवदाह गृह भी बंद हो जाएगा। दयालबाग के पोइया घाट मोक्षधाम में चार फीट तक पानी भरा है। दाह संस्कार में लोगों को परेशानी हो रही है।
स्मारकों में पहुंचा पानी
47 साल बाद ताजमहल के पीछे की दीवार तक पानी पहुंच गया। दशहरा घाट, ताज व्यू प्वाइंट डूब गए हैं। महताब बाग में पानी भरा है। एत्माउद्दौला स्मारक के यमुना किनारे बने 12 कमरों में सात फीट पानी भरा है। ग्यारह सीढ़ी स्मारक की दीवार तक पानी है। जोहरा बाग पानी में डूब चुका है। 
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