धनुष भंजन और सीता स्वयंवर लीला का मनमोहक मंचन
आगरा, 15 सितम्बर। उत्तर भारत की प्रमुख श्रीरामलीला में सोमवार को धनुष भंजन और सीता स्वयंवर की लीला का मंचन हुआ। लीला के आरंभ में सीता स्वयंवर का दृश्य दिखाया गया था। उसमें विभिन्न राज्यों के राजा आए हुए थे। मुनि विश्वामित्र, श्रीराम चन्द्र व लक्ष्मण को साथ लेकर जनकपुरी में सीता स्वयंवर में पहुँचे। राजाओं के बीच रामलीला कमेटी के महामंत्री राजीव अग्रवाल के पौत्र वंश भी राजा का स्वरूप धारण किए हुए थे।
मंचन में दिखाया गया कि विभिन्न देशों के राजाओं से जब धनुष नहीं उठा तो राजा जनक शोक करने लगे इस पर मुनि विश्वामित्र की आज्ञा से राम ने गुरुवर को प्रणाम करके बड़ी फुर्ती से धनुष उठा लिया और उसका भंजन कर दिया। धनुष भंजन होने के बाद सीता स्वयंवर हुआ। जयमाला के समय बहुत ही लोकप्रिय गीत सुनकर सभी श्रोता श्रद्धा में डूब गए। इसके बाद की लीला में परशुराम और लक्ष्मण संवाद का प्रभावी मंचन हुआ। दोनों ही पात्रों ने अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय किया। इसके बाद राम द्वारा अपने स्वरूप से परिचित कराए जाने पर महर्षि परशुराम उन्हें प्रणाम करते हुए लौट गए।
इससे पूर्व लाला चन्नोमल की बारहदरी रावतपाड़ा से मुनि विश्वामित्र के साथ श्रीराम, लक्ष्मण घोड़ों विराजमान होकर निकले। जानकी अपनी चार सखियों के साथ रथ पर विराजमान थीं। यह सवारियां रावतपाड़ा, जौहरी बाजार, बिजलीघर होती हुई रामलीला मैदान पहुंची।
स्वरूपों की आरती केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल की पत्नी मधु बघेल, मनीष अग्रवाल और साथियों ने की। इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महामंत्री राजीव अग्रवाल, कोषाध्यक्ष ताराचंद अग्रवाल श्री टी एन अग्रवाल श्री विजय प्रकाश गोयल श्री भगवान दास बंसल श्री विष्णु दयाल बंसल, संजय तिवारी, विनोद जौहरी, मुकेश जौहरी, मनोज अग्रवाल, महेश अग्रवाल, अंजुल बंसल, रामांशु शर्मा, प्रवीण स्वरूप, प्रवीण गर्ग, मोहित सिंघल, आनंद मंगल, प्रसून मंगल, प्रकाश अग्रवाल, संजय अग्रवाल, अशोक गोयल, आयुष अग्रवाल, दीपक ढल, शैलेश अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल, गिरधर शरण अग्रवाल, विजय, अजय, राहुल गौतम आदि उपस्थित थे।
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