ऑपरेशन कोड ब्रेक: आगरा में सक्रिय था देशभर में करोड़ों की साइबर ठगी करने वाला गिरोह, सरगना समेत दो गिरफ्तार
आगरा, 07 अगस्त। जिले की साइबर क्राइम पुलिस ने ऑपरेशन कोड ब्रेक के तहत गुरुवार को एक बड़े साइबर ठग गिरोह का खुलासा किया। यह गिरोह देशभर में अब तक 2.85 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। गिरोह के तार दिल्ली-मुंबई तक जुड़े हुए हैं। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को पकड़ लिया, तीन अन्य सदस्य अभी फरार हैं। पकड़े गए शातिर साइबर ठगों के कब्जे से 01 लैपटॉप, 02 मोबाइल फ़ोन बरामद हुए। ये अभियुक्त अपने साथियों के साथ संगठित होकर नागरिकों के साथ पहचान छिपाकर ठगी करते थे।
खबरों के अनुसार, अर्जुन नगर निवासी युवक की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस इस गिरोह तक पहुंची। पकड़े गए अभियुक्तों में गैंग का सरगना हैदर और उसका साथी अब्दुल कादिर शामिल है।
शिकायतकर्ता के अनुसार वह अपने जीजा हैदर के साथ बिरियानी की दुकान चलाता था। दुकान पर अक्सर आने वाले तीन युवक हनी, मनी और अमन त्रिवेदी महंगे सामानों और ऐशो-आराम की बातें करते थे। बातचीत में उन्होंने खुद को साइबर ठग बताया और शिकायतकर्ता को भी इस काम में शामिल होने का ऑफर दिया। जब युवक ने मना किया, तो उसके जीजा हैदर ने चोरी-छिपे अपना बैंक अकाउंट गिरोह को सौंप दिया। कुछ समय बाद ठगों ने युवक को धमकी दी कि हैदर उनके रुपये लेकर भाग गया है और उसकी भरपाई उसे ही करनी होगी। भयभीत युवक ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया।
पुलिस ने खोजबीन कर हैदर और अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर लिया।
जब पुलिस ने हैदर के खाते की जांच की तो चौंकाने वाले मामले सामने आए। उसके खाते से जुड़े मुकदमे दिल्ली साइबर सेल, साइबर वेस्ट गुरुग्राम, बैंगलोर सिटी थाना, साइबर नार्थ मुंबई और हैदराबाद साइबर थाने में दर्ज पाए गए। पुलिस अब इन राज्यों से समन्वय बनाकर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी कर रही है।
अभियुक्तों से बरामद लैपटॉप से जांच में ‘कंपलीट टास्क’ और ‘टारगेट’ नाम के दो फोल्डर मिले हैं। ‘कंपलीट टास्क’ में ठगे गए लोगों की जानकारी और ‘टारगेट’ में अगला शिकार बनने वाले लोगों की लिस्ट मिली है। अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि ठगी की रकम हैदर के बंधन बैंक अकाउंट में जमा करवाई जाती थी और फिर सबके बीच बांट दी जाती थी।
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