"पेटा" का आगरा किले के बाहर अनोखा प्रदर्शन

आगरा, 13 अगस्त। अपने अनोखे प्रदर्शन से लोगों का ध्यान खींचने के लिए चर्चित संस्था पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को आगरा किले के मुख्य प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन किया। ये कार्यकर्ता पक्षियों और इंसानों की जान लेने वाले घातक कांच-धातु लेपित मांझे के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहे थे।
इस प्रदर्शन के दौरान संस्था से जुड़ी एक युवती खून जैसे पदार्थ से लथपथ घायल पक्षी की पोशाक पहनकर, कांच-धातु लेपित मांझे में उलझी विशाल पतंग पर लेटी नजर आई। पतंग पर लिखा था- "कांच लेपित डोर पक्षियों के पंख काटती है।" "घातक मांझा को कहें न।" उसके निकट ही स्लोगन लिखी पतंगों को लिए दो युवक और दो युवतियां भी बैठे थे। 
इस अनोखे प्रदर्शन ने आगरा किले में आने-जाने वाले पर्यटकों और आसपास से गुजरते राहगीरों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्हें देखने वालों की भीड़ लगी रही।
गौरतलब है कि कांच लेपित मांझे से हर साल हजारों पक्षी और कई इंसान गंभीर रूप से घायल होते हैं या फिर जान गंवाते हैं। इस वर्ष में भी दिल्ली, गुजरात और यूपी में कई मौतें हुईं। 
इस अभियान के संयोजक अथर्व देशमुख का कहना है कि मांझा न सिर्फ पक्षियों बल्कि मनुष्यों की भी जान लेता है। साधारण डोर चुनकर हर कोई इस त्रासदी को रोक सकता है। "पेटा" का उद्देश्य पतंगबाजी के लिए केवल साधारण सूती डोर का इस्तेमाल करने के प्रति जागरूक करना है। 
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