जयपुर के फाइव स्टार होटल में रह रहे थे नौ करोड़ की ठगी के आरोपी प्रखर गर्ग और राखी गर्ग, हरिपर्वत पुलिस गिरफ्तार कर आगरा लाई
आगरा, 27 अगस्त। ठगी के मामले में चर्चित बिल्डर प्रखर गर्ग एक बार फिर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। फरार चल रहे प्रखर और उसकी पत्नी राखी गर्ग को थाना हरिपर्वत पुलिस ने जयपुर से गिरफ्तार किया। नौ करोड़ रुपये की ठगी और चेक बाउंस मामले में अदालत में पेश न होने पर दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे।
उसके बाद से ही पुलिस उनकी तलाश में लगी हुई थी। प्रखर गर्ग का नाम धोखाधड़ी के अन्य मामलों में भी सामने आ चुका है। वह पूर्व में भी जेल जा चुका है। पुलिस टीम ने दोनों को जयपुर के एक फाइव स्टार होटल से पकड़ा, जहां पति-पत्नी पिछले कई दिनों से रुके हुए थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रखर गर्ग और उसकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले बैटरी व्यापारी अरुण सोंधी ने आरोप लगाया था कि हरिपर्वत पुलिस आरोपी से मिली हुई है। वारंट जारी होते ही प्रखर को जानकारी मिल जाती थी और इसके बाद वह गायब हो जाता था। पुलिस की इस भूमिका पर सवाल उठे और दबाव बढ़ने पर करीब दस दिन पहले एसीपी हरिपर्वत और हरिपर्वत के इंस्पेक्टर प्रदीप त्रिपाठी ने प्रखर गर्ग की गिरफ्तारी का जिम्मा चौकी प्रभारी विनोद कुमार और दीपक तिवारी को सौंपा। दोनों ने प्रखर गर्ग के बारे में जानकारियां जुटाईं। सूचना मिली कि प्रखर कई दिन से जयपुर के एक फाइव स्टार होटल में पत्नी के साथ रुका हुआ है। आगरा पुलिस ने जयपुर पहुंचकर आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर लिया और आगरा ले आई।
खबरों के अनुसार, अरुण सोंधी को प्रखर द्वारा भुगतान के लिए दिए गए चेक बैंक में अपर्याप्त धनराशि होने के कारण अस्वीकार हो गए। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने न्यायालय का रुख किया। सम्मन के बावजूद आरोपी पक्ष की पेशी न होने पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किये, जिसके आधार पर पुलिस टीम ने राजस्थान में दबिश देकर दोनों को गिरफ्तार किया। पुलिस टीम दंपति को ट्रांजिट प्रक्रिया पूरी करने के बाद आगरा लाई। दोनों को न्यायालय में पेश कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वृंदावन कॉरिडोर परियोजना के लिए पांच सौ दस करोड़ रुपये देने की पेशकश कर चर्चा में आया
प्रखर गर्ग वृंदावन कॉरिडोर परियोजना के लिए पांच सौ दस करोड़ रुपये देने की पेशकश कर चर्चा में आया था। उसमें श्री बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये देने का हलफनामा हाईकोर्ट में दाखिल किया था। लेकिन इसके बाद जल्द ही प्रखर गर्ग के खिलाफ धोखाधड़ी के संगीन मामले उजागर हुए। वर्ष 2024 में गर्ग के ही परिचित कारोबारी अरुण सोंधी ने हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसमें प्रखर गर्ग, पत्नी राखी गर्ग, सतीश गुप्ता, सुमित जैन और मुकेश जैन को नामजद किया गया।
अरुण सौंधी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, कमला नगर स्थित एक होटल के द्वितीय व तृतीय तल की खरीद-फरोख्त का सौदा हुआ था, लेकिन प्रखर गर्ग ने रजिस्ट्री नहीं की। जब पैसे वापस मांगे गए तो प्रखर ने अरुण सोंधी को दो करोड़ रुपये के चेक दिए, जो बाउंस हो गए। इसी आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ और न्यायालय ने वारंट जारी किए, लेकिन पुलिस के स्तर से गिरफ्तारी टलती रही। दबाव बढ़ने पर पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के निर्देशन में प्रखर को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई।
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