आवारा कुत्तों की सुरक्षा के लिए आगरा से भी उठ रही आवाज, सेलिब्रिटीज के वीडियो से दे रहे अभियान को गति

आगरा/नई दिल्ली, 14 अगस्त। आवारा कुत्तों को लेकर विगत 11 अगस्त को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मुद्दे को डॉग लवर्स ने फिर गति देना शुरू कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर पुनर्विचार करते हुए गुरुवार को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। 
आवारा कुत्तों की सुरक्षा को लेकर डॉग लवर्स ने फिर अभियान छेड़ दिया है। फिल्म और खेल जगत के सेलिब्रिटीज के वीडियो के माध्यम से आवाज बुलंद करने के प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिलदेव और जाने माने फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम आदि के वीडियो संदेश वायरल कर स्ट्रीट डॉग की देखभाल और सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है। 
ताजनगरी में भी डॉग प्रेमियों से जुड़ी विनीता शर्मा ने कुत्तों की सुरक्षा की मांग तेज कर दी है। एक निजी बैंक के कर्मचारियों की ओर से भी अभियान को गति दी जा रही है। Justice For Voiceless अभियान से जुड़े डॉग लवर्स का कहना है कि विगत 11 अगस्त को जारी आदेश को लागू किया गया तो यह देश के मूल्यों, करुणा, मानवता और न्याय के मूल पर आघात करेगा। जानवर दुनिया में सबसे मासूम और बेज़ुबान प्राणी हैं। उनके जीवन और सम्मान की रक्षा करना न केवल एक नैतिक दायित्व है, बल्कि एक संवैधानिक कर्तव्य भी है जिसका पालन प्रत्येक भारतीय को करना चाहिए। हम न्याय, करुणा और हर उस आवारा जानवर के लिए एकजुट, दृढ़ और अडिग खड़े हैं जो अपनी बात नहीं कह सकता।
सुप्रीमकोर्ट ने सुनी दलीलें 
और फैसला सुरक्षित रखा 
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक बार फिर सुनवाई हुई। कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने केंद्र और कई एनजीओ की दलीलें सुनी और उसके बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले आठ हफ्तों में दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्ते हटाने का निर्देश दिल्ली सरकार को दिया था।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हम इस मुद्दे का समाधान चाहते हैं, न कि इस पर विवाद होना चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता और हम भी इसका हल चाहते हैं। 
विगत 11 अगस्त को न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था। लेकिन इस आदेश का बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया। इसी क्रम में कॉन्फ्रेंस ऑफ ह्यूमन राइट्स इंडिया ने पुनर्विचार याचिका दायर कर दी। मुख्य न्यायाधीश ने विगत दिवस यह मामला तीन-न्यायाधीशों की विशेष पीठ, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया को सौंप दिया।
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