ग्रांट का बड़ा हिस्सा बिना खर्च के वापस जा रहा, बोलने से नहीं काम करने से बनेगा विकसित राष्ट्र || डॉ भीमराव अंबेडकर विवि के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने दी नसीहत, 117 पदक प्रदान किए गए

आगरा, 20 अगस्त। प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को यहां डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिए कि वह अधिक से अधिक रिसर्च वर्क हेतु प्रोफेसर व छात्रों को फण्ड की सुविधा उपलब्ध कराये तथा साइंस व टेक्नोलॉजी में ग्रांट जारी कर शोध कार्य को अधिक से अधिक बढ़ावा दे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों को जो ग्रांट मिलती है, उसका बढ़ा हिस्सा बिना खर्च किए वापस चला जाता है, उन्होंने कहा कि नये शोध प्रोजेक्ट के हिसाब से ग्रान्ट जारी करें, तथा समस्त पोर्टल का उपयोग करें। 
राज्यपाल अध्यक्षता में क्षत्रपति शिवाजी मंडपम खंदारी परिसर में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 91वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए आगामी 25 वर्षों की आवश्यकता हेतु कार्ययोजना व विजन लेकर कार्य करें, उन्होंने हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा से वापस लौटे शुभांशु शुक्ला का उदाहरण देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे छात्र पैदा करे। हमारा देश विकसित राष्ट्र, बोलने से नहीं काम करने, बदलाव लाने से बनेगा। 
‘ए‘ प्लस ग्रेड प्राप्त कर सबकी बोलती बन्द कर दी
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में समृद्ध पुस्तकें हैं, यहां रखी पाण्डुलिपियों का डिजिटलाइजेशन कराया गया है, पहले यूनिवर्सिटी की क्षमता को बर्वाद करने का प्रयास किया जा रहा था, रोज नकारात्मक खबरें विश्वविद्यालय के बारे में मिलती थी, हमने संकल्प लिया कि ये हम नहीं होने देंगे, और सभी ने मिलकर ‘ए‘ प्लस ग्रेड प्राप्त कर सबकी बोलती बन्द कर दी।
अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाएं 
राज्यपाल ने कहा कि सभी बच्चे अलग-अलग प्रतिभा सम्पन्न होते हैं, उनकी प्रतिभा की पहचान करें, उन्हें निखारें, कम्पटीशन को बढ़ावा दें, कम्पटीशन से ही प्रतिभा निखार व उनकी पहचान होती है। उन्होंने कहा कि सफाई कामदार का बेटा, सफाई कामदार न बने, हमें समाज के अन्तिम व्यक्ति की सोच बदलनी होगी, अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के जीवन में बदलाव आये, यहीं इस दीक्षान्त समारोह का हेतु होना चाहिए। 
अपने कृतित्व व्यक्ति हित के साथ राष्ट्रहित भी जोड़ें- उपाध्याय 
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि मेडल हासिल करने वाले छात्र-छात्रायें समाज के लिए मॉडल बनें, जिससे समाज आपका उदाहरण दे, उन्होंने कहा कि आपके जीवन में यह अवसर लक्ष्य निर्धारण का है, आप अपने कृतित्व व्यक्ति हित के साथ राष्ट्रहित भी जोड़ें।
समाज में बदलाव के वाहक भी बनें- रजनी तिवारी 
विशिष्ट अतिथि व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने अपने सम्बोधन में पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का आहवान किया कि शिक्षा सिर्फ नौकरी पाने का नहीं, राष्ट्र निर्माण का भी माध्यम बनें, आप भविष्य की शक्ति व राष्ट्र के मार्ग दर्शक हैं, राष्ट्र के विकास के साथ आप समाज में बदलाव के वाहक भी बनें। 
सकारात्मक भाव अपनायें-प्रो डा केजी सुरेश
मुख्य अतिथि प्रो डा केजी सुरेश ने अपने संबोधन में कहा कि दीक्षान्त समारोह यात्रा का अन्त नहीं, जीवन यात्रा की शुरुआत है, आप सभी व्यापक समाज हित को ध्यान में रखकर कार्य करें, नकारात्मकता से ऊपर उठकर सकारात्मक भाव अपनायें।
117 पदक प्रदान किए गए
कृषि, विज्ञान, कला, वाणिज्य आदि संकायों के अंतर्गत कुल 117 पदक प्रदान किए गए, इनमें 76 पदक छात्राओं और 41 छात्रों को पदक से अलंकृत किया गया तथा शोध कार्य हेतु पीएचडी की 144 उपाधियों में 80 छात्र और 64 छात्रायें शामिल रहीं। कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन शिक्षक यथा प्रो. जयसवाल गौतम, शोध क्षेत्र, प्रो. अर्चना सिंह सोशल वर्क, प्रो. मनु प्रताप, आईटी क्षेत्र हेतु सम्मानित किया गया। राज्यपाल द्वारा भाषण, चित्रकला, कहानी कथन प्रतियोगिता में विजयी प्रतियोगी बच्चों को प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो प्रदान किए तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न खेलो की प्रतियोगिता में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न धनराशियों के प्रोत्साहन चेक प्रदान किए गए। जनपद आगरा व मैनपुरी के आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 100 प्री-स्कूल किट प्रदान की गई तथा विश्वविद्यालय द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के पठन-पाठन हेतु पुस्तकें व शिक्षण सामग्री प्रदान की गई।
इन्होंने किया स्वागत
राज्यपाल के खन्दारी परिसर पहुंचने पर कुलपति प्रो आशु रानी, कुलसचिव अजय मिश्रा, विश्वविद्यालय की कार्य परिषद व विद्या परिषद के सदस्यगणों द्वारा पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। कुलपति प्रो. आशुरानी ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न कार्य, नवाचार व प्रगति विवरण को प्रस्तुत किया। इस मौके पर राज्यपाल द्वारा बटन दबाकर वर्ष 2024-25 के सत्र की सभी उपाधियों, डिग्रियों को डिजी लॉकर पोर्टल पर अपलोड भी किया गया। 
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