पुलिस अफसरों द्वारा थमाए नोटिस को उनके सामने ही फाड़ा, फिर घर में नजरबंद किए जाने पर भड़के सपा सांसद रामजीलाल सुमन

आगरा, 09 जुलाई। पुलिस प्रशासन द्वारा बुधवार की सुबह एक बार फिर हाउस अरेस्ट किए जाने पर राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन भड़क गए। उन्होंने पुलिस द्वारा दिए गए नोटिस को मौके पर ही फाड़ डाला और पुलिस अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। सांसद ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया। इसकी सूचना फैलते ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सांसद के आवास पर पहुंच गए और पुलिस व सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी शुरू कर दी। कार्यकर्ताओं ने इसे विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश बताया।
सुमन अपने समर्थकों के साथ एटा जिला मुख्यालय पर प्रस्तावित धरने में शामिल होने जा रहे थे। इससे पहले ही पुलिस ने उनके संजय प्लेस स्थित आवास को घेर लिया और उन्हें बाहर निकलने से रोक दिया। सांसद सुमन को घर में ही नजरबंद किए जाने की इसी साल में यह कार्रवाई चौथी बार हुई। 
नाराज सांसद ने कहा, "मुझे हर बार कहीं भी जाने से पहले नजरबंद कर दिया जाता है। क्या अब सांसद होना गुनाह है? पुलिस सरकार के इशारे पर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। मैं डरने वाला नहीं हूं। जनता की आवाज उठाता रहूंगा।" सुमन ने कहा, "गोली मरवा दो, जेल भिजवा दो, मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं। अपराधियों के साथ पुलिस मित्रवत व्यवहार करती है और मेरे साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार किया जा रहा है।"
सुमन को इससे पहले विगत 2 मई को अलीगढ़ में एक दलित परिवार से मिलने जाते समय, विगत 9 मई को, कासगंज में बघेल समाज के लोगों से मुलाकात के लिए जाते समय और फिर विगत 26 मई को उनकी मथुरा यात्रा से पहले घर में ही नजरबंद कर दिया गया था।
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