मेट्रो रेल प्राधिकरण आगरा कालेज खेल मैदान पर कर रहा अवैध निर्माण, प्राचार्य ने लगाए गम्भीर आरोप, उच्च शिक्षा मंत्री को दी पूरी जानकारी, जल्द संयुक्त बैठक बुलाएंगे
आगरा, 09 जुलाई। मेट्रो रेल प्राधिकरण द्वारा आगरा कॉलेज के खेल मैदान पर अवैध कब्जा करके निर्माण कराया जा रहा है। मेट्रो प्राधिकरण इस भूमि को सरकारी भूमि दर्शाकर न केवल भ्रम फैला रहा है, बल्कि विधिक रूप से गलत कार्य कर रहा है। यह भूमि कॉलेज के खेल मैदान (प्ले ग्राउंड) के रूप में राजकीय अभिलेखों में दर्ज है। यह गंभीर आरोप आगरा कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सी. के. गौतम और शिक्षकों ने लगाया है।
प्राचार्य गौतम के नेतृत्व में कॉलेज के शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री और आगरा दक्षिण से विधायक योगेन्द्र उपाध्याय से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें इस संबंध में जरूरी कागजात के साथ ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि गाटा संख्या 281 एवं 282 आगरा कॉलेज के स्वामित्व की भूमि है। इस पर मेट्रो प्राधिकरण द्वारा अनधिकृत कब्जा कर निर्माण कार्य किया जा रहा है। मेट्रो प्राधिकरण जानबूझकर इसे गाटा संख्या 286 बताता है, जो कि भ्रमजनक एवं त्रुटिपूर्ण सूचना एवं तथ्य है। प्राचार्य प्रो. सी. के. गौतम ने उपाध्याय को बताया कि इस भूमि के हस्तांतरण हेतु कॉलेज की प्रबंध समिति द्वारा कभी कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया, न ही इस भूमि के एवज में कॉलेज को कोई मुआवजा प्राप्त हुआ है। यह स्थिति एक शैक्षणिक संस्था की संपत्ति एवं स्वायत्तता के विरुद्ध है तथा इससे छात्रों के हित एवं संस्थान की गरिमा को गंभीर क्षति पहुँचने की आशंका है।
प्राचार्य प्रो. गौतम ने यह भी स्पष्ट किया कि आगरा कॉलेज, आगरा की भूमि ‘आगरा कॉलेज ट्रस्ट’ के स्वामित्व में है, न कि राज्य सरकार की। अतः इस भूमि का हस्तांतरण अथवा उपयोग का अधिकार केवल आगरा कॉलेज ट्रस्ट के पास निहित है। सरकार या किसी अन्य प्राधिकरण को इस भूमि पर स्वामित्व या अधिग्रहण का कोई वैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं है। यह निर्माण पूर्णत: अनधिकृत, गैरकानूनी और शैक्षणिक संस्थान की स्वायत्तता का उल्लंघन है, जिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जाएगा तथा शीघ्र ही प्रशासन, मेट्रो प्राधिकरण एवं संबंधित विभागों के साथ संयुक्त बैठक आयोजित कर इस प्रकरण के समाधान हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
प्रतिनिधिमंडल में प्रो. मृणाल शर्मा, प्रो. पूनम चांद, प्रो. जयश्री भारद्वाज, प्रो. संध्या यादव, प्रो. विजय कुमार सिंह, प्रो. अशोक कुमार सिंह, प्रो. दीपक उपाध्याय, डॉ. गौरव कौशिक, प्रोफेसर दिग्विजय पाल सिंह प्रो. अमित चौधरी, प्रो. संजीव शर्मा, प्रोफेसर उमाकांत चौबे प्रो. शोभनाथ जैसल, प्रो. अमरनाथ, प्रो. सुधेन्द्रनाथ, डॉ. सुरेन्द्र पाल सिंह, डॉ विकास सिंह, पंकज सक्सेना एडवोकेट शामिल थे।
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