धर्मांतरण रैकेट में फंसी एक और युवती देहरादून से बरामद, आगरा पुलिस को मिली कई अहम जानकारी

आगरा, 25 जुलाई। पुलिस ने धर्मांतरण रैकेट के चंगुल में फंसी एक और युवती को देहरादून से बरामद किया है। युवती ने पूछताछ में रैकेट के सरगना अब्दुल रहमान, आयशा और अब्बू तालिब की साजिशों का खुलासा किया है।
युवती के अनुसार, अब्बू तालिब नामक एक व्यक्ति ने उससे फेसबुक के ज़रिये भरोसे में लेकर प्रेमजाल में फंसा लिया। वह उसे अपने परिवार से मिलवाने लगा, जिससे युवती को रिश्ते की सच्चाई पर भरोसा हो सके। इसके बाद युवती को धर्मांतरण गैंग की अहम किरदार आयशा से मिलवाया गया, जिसने आगे सरगना अब्दुल रहमान से उसकी मुलाकात कराई। इसके बाद उसे सेफ हाउस जैसे सुरक्षित ठिकानों और बेहतर लाइफस्टाइल का लालच दिया गया। उसे यह भी कहा गया कि अगर वह किसी की दूसरी, तीसरी या चौथी पत्नी बनने को तैयार होगी, तभी उसे लाभ होगा।
खबरों के अनुसार, युवती ने बताया कि आयशा के फंड मैनेजर का असली नाम अब्दुल रहमान उर्फ रूपेंद्र है। इसके अलावा, झारखंड निवासी अयान नाम का एक अन्य व्यक्ति भी इस नेटवर्क से जुड़ा है। धर्मांतरण के बाद युवती को कुछ नामों की सूची दी गई थी, जिससे उसे एक नया नाम चुनना था। उसे 'मरियम' नाम दिया गया।
युवती ने पुलिस को बताया कि ये लोग सेकेंड हैंड मोबाइल फोन या कीपैड फोन का उपयोग करते थे, ताकि ट्रैकिंग न हो सके। बातचीत के लिए जो मोबाइल फोन और सिम कार्ड दिए जाते थे, उन्हें इस्तेमाल के बाद तोड़ दिया जाता था। जागृति सिम कार्ड, जो इन लोगों द्वारा चार से पांच हजार में खरीदे जाते थे, उसे भी युवती को दिया गया था। जब युवती ने इनकी बातें मानने से इनकार कर दिया, तो इन लोगों ने उसे पूरी तरह से अकेला छोड़ दिया और कोई मदद नहीं की। आगरा पुलिस पूरे मामले की विस्तृत जांच में जुट गई है।
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