आगरा कालेज का नाम बदलने के प्रस्ताव का तीखा विरोध, संगठित प्रतिवाद करने का ऐलान
आगरा, 31 मई। रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर रविवार को यहां जीआईसी मैदान पर प्रस्तावित कार्यक्रम में आगरा कालेज का नाम बदले जाने की संभावनाओं का विरोध शुरू हो गया है।
एक दैनिक समाचार पत्र में नाम बदले जाने की संभावनाओं के बारे में खबर प्रकाशित होने के बाद कालेज के शिक्षकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि दो सौ साल पुराने आगरा कॉलेज का इतिहास स्वाधीनता संग्राम, आधुनिक भारत के निर्माण और संक्रमण से जुड़ा रहा है। यह कालेज कई स्वाधीनता सेनानियों की कर्मस्थली रहा है। इसकी ऐतिहासिकता और आगरा शहर से इस शैक्षिक संस्था की पहचान और नाम को विलोप करने के प्रयासों का हरसंभव प्रतिरोध होगा।
आगरा कालेज के शशिकांत ने सोशल मीडिया पर कहा कि यह तो ऐसा हुआ कि मानो कल उत्तर प्रदेश का नाम बदल कर किसी व्यक्ति के नाम से कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि आगरा कॉलेज को आगरा विश्वविद्यालय बनाने का अवसर वर्ष 1923 में तत्कालीन प्राचार्य टी सी जॉन्स के पास था, किंतु उन्होंने पृथक विश्वविद्यालय का प्रस्ताव रखा। नाम बदलने से आगरा कॉलेज जैसी बहुमूल्य संस्था की ऐतिहासिकता और प्रकृति-प्रवृति पर दूरगामी घातक प्रभाव पड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीति करने के लिए और जगहें हैं। संकीर्णता के लिए शैक्षिक संस्थानों को चुनना घातक है।
शशिकांत ने कहा कि पहले मेट्रो रेल परियोजना के लिए आगरा कॉलेज की जमीन छीनी गई। अब कुछ लोग इस कॉलेज का नामो-निशां मिटाने पर आमादा हैं। ऐसी पहल का आगरा कालेज स्टाफ क्लब द्वारा संगठित प्रतिवाद किया जाएगा।
____________________________________
Post a Comment
0 Comments