ईसीजीसी ने हस्तशिल्प निर्यातकों को बताए निर्यात भुगतान के खतरे और मदद के रास्ते || हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट्स एसोसिऐशन ने की संगोष्ठी
आगरा, 25 सितंबर। ईसीजीसी लिमिटेड ने बुधवार को शहर के हस्तशिल्प निर्यातकों को निर्यात भुगतान पर होने वाले खतरे से बचाव की जानकारी देते हुए संस्था द्वारा चलाई जा रही पॉलिसियों की जानकारी दी।
हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट्स एसोसिऐशन आगरा द्वारा होटल क्लार्क्स शिराज में आयोजित इस सेमिनार में संस्था के आशीष अग्रवाल ने निर्यातकों को संबोधित करते हुए कहा कि हस्तशिल्प निर्यातकों को समझना होगा कि दूरगामी राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तनों के कारण जोखिम बहुत बढ़ गये हैं। परंतु ऐसी स्थिति में ई सी जी सी का बीमा कवर निर्यातकों को निर्यात के प्रति अभय प्रदान करता है।
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए अनुराग मित्तल ने कहा कि वर्तमान में प्रत्येक निर्यातक चाहता है कि उसके माल का निर्यात अधिक से अधिक हो जाये। किन्तु विदेशी क्रेता एवं उसके देश की रिस्क कवरेज की जानकारी किये बिना किया जाने वाला निर्यात अत्यधिक जोखिम वाला हो सकता है। ईसीजीसी भारतीय निर्यातकों को ऋण बीमा कवर प्रदान करके उनकी प्रतिस्पर्धा में सुधार का प्रयास करता है। अनुराग मित्तल ने सभी निर्यातक सदस्यों को ईसीजीसी की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी।
ईसीजीसी की आगरा शाखा प्रबन्धक आशीष वर्मा व उनके साथियों ने विभिन्न पॉलसियों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि देश से निर्यात को प्रोत्साहित करना ही उनकी संस्था का उद्देश्य है। पूरे देश में से बहुत सारे हस्तशिल्प निर्यातकों ने ई सी जी सी संस्था की विभिन्न योजनाओं में भाग लेकर अपने व्यापार को भुगतान सम्बंधी खतरों से बचाया है।
संचालन उप सचिव श्री सिद्वार्थ गुप्ता द्वारा किया गया। सेमिनार में विपनेश त्यागी, एस सी अग्रवाल, अजय जैन, रोहित गोयल, अनुज मित्तल, गोविन्द सिंहल, नवीन बंसल, अतुल खन्ना, सिद्धार्थ गुप्ता, कुलदीप सिरोही, नरेन्द्र वर्मा, रीतेश गुप्ता, ज्ञानेश व रवी वर्मा सहित प्रमुख हस्तशिल्प निर्यातक उपस्थित रहे।
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