जेडी की गिरफ्तारी के खिलाफ खुलकर सामने आए शिक्षाधिकारी और शिक्षक, 20 को बड़ा फैसला संभव
आगरा, 18 अगस्त। माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक आरपी शर्मा को रिश्वत लेते पकड़े जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। शिक्षा अधिकारी और शिक्षक इस गिरफ्तारी के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों में भी भारी नाराजगी है। उन्होंने लखनऊ में विजिलेंस विभाग के महानिदेशक से मुलाकात की। बीस अगस्त को प्रदेश भर के अधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें कोई बड़ा फैसला लिए जाने की संभावना है।
इस बीच आगरा मंडल सहित कई जिलों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों ने गिरफ्तारी को साजिश बताया और शिकायतकर्ता शिक्षक पर भी सवाल खड़े किए। रविवार को यहां रत्नमुनि जैन इंटर कॉलेज में सभी शिक्षक संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सभी ने एक स्वर में कार्रवाई की निंदा की। पूर्व प्रधानाचार्य मुकेश शर्मा ने कहा कि आरपी शर्मा जिले में पहले एडी बेसिक व डीडीआर के पद पर रहे हैं, तब उन पर कोई आरोप नहीं लगे। ये कार्रवाई साजिश के तहत हुई है। शिक्षकों ने भी बीस अगस्त को बड़ी बैठक बुलाई है। सभी संगठनों के पदाधिकारी उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय से मिले। उन्हें घटनाक्रम बताया। शिक्षकों ने बताया कि मंत्री ने विजिलेंस डीजी से फोन पर बात कर निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए।
इस बीच खबर मिली कि प्रदेश के शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने भी पूरे मामले का संज्ञान लिया। रविवार शाम को लखनऊ में कई अधिकारी प्रमुख सचिव से भी मिले।
यूपी एजूकेशनल आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कौस्तुभ सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विजिलेंस के डीजी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि आरपी शर्मा ईमानदार छवि के अधिकारी हैं। गलत कार्य के लिए उन दवाब डाला गया। साजिश के तहत उनको फंसाने के लिए गलत तरह से कार्रवाई की गई। उनका कहना था कि दलाल व गलत किस्म के व्यक्ति विजिलेंस का भय दिखाकर अधिकारियों पर दवाब बनाते हैं। इस घटना से भय का माहौल है। अधिकारी निष्पक्ष होकर काम नहीं कर पाएंगे।
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