पार्षदों का मानदेय आठ गुना बढ़ाने का प्रस्ताव, नगर निगम अपनी संपत्तियों का किराया बढ़ाएगा || बजट में प्रस्तावित आय 1268.67 करोड़ रुपये रखी गई
आगरा, 16 जुलाई। नगर निगम में मंगलवार को बजट अधिवेशन के दौरान पार्षदों का मानदेय आठ गुना बढ़ाकर पंद्रह सौ रुपये से बारह हजार रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया। तय किया गया कि आय बढ़ाने के लिए एक समिति बना कर निगम की किराए पर उठी हुई संपत्तियों का आकलन किया जाएगा और सभी संपत्तियों पर वर्तमान दरों के अनुसार किराया तय किया जायेगा।
चार महीने देरी से पेश नगर निगम के बजट में प्रस्तावित आय 1268.67 करोड़ रुपये रखी गई, जबकि 15वें वित्त आयोग की धनराशि और पुराने अवशेष को शामिल करने पर 1697 करोड़ रुपये का बजट पेश किया जाएगा। इसमें 1059 करोड़ रुपये व्यय का प्रस्ताव पेश किया गया।
बजट अधिवेशन में पार्षदों के प्रस्ताव पर मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने कहा कि पार्षदों का मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। नगर निगम के सौ पार्षद हैं। हर पार्षद को 1500 रुपये प्रति माह मानदेय मिलता है। पार्षदों का मानदेय 12 हजार रुपये प्रति माह करने पर नगर निगम पर हर महीने 10,50,000 रुपये का अतिरिक्त बोझ आयेगा।
अधिवेशन में निगम की आय बढ़ाने पर चर्चा करते हुए कहा गया कि नगर निगम की ऐसी कई संपत्तियां हैं, जो व्यवसायिक हैं, लेकिन टैक्स घरेलू दर से लिया जा रहा है। इनका किराया बढ़ाया जाए, जिससे नगर निगम की आय बढ़े। इसी तरह पार्षदों का कहना था कि नगर निगम की कई दुकानों का किराया आज भी 200 रुपये ही मिल रहा है, जबकि ऐसे किरायेदार तीसरे व्यक्ति को दुकान उठाकर उससे 20 हजार रुपये तक किराया वसूल रहे हैं।
नगर निगम द्वारा कुत्तों और बंदरों के स्टरलाइजेशन और वैक्सीनेशन पर पार्षदों ने विरोध दर्ज कराया। स्लॉटर हाउस का मुद्दा भी उठाया गया। पार्षदों का कहना था बंद स्लॉटर हाउस का बिजली का बिल लाखों रुपये क्यों आ रहा है। पार्षदों ने पॉलीथिन पर लगने वाले जुर्माने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जुर्माने की रकम निर्धारित नहीं है। अपनी मर्जी से जुर्माना वसूला जा रहा है।
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