हसनूराम को बात ऐसी चुभी कि 98 बार चुनाव लड़ा, अब भरेंगे 99 और 100वीं बार पर्चा
आगरा, 12 अप्रैल। लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण के लिए जिले में शुक्रवार से शुरू हुए नामांकन में 77 साल के हसनूराम अम्बेडकरी ने 99वीं और 100वीं बार नामांकन करने के लिए पर्चे ले लिए हैं। हसनूराम सौ बार हार का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं। वर्ष 1985 से विभिन्न पदों के लिए नामांकन कर चुके हसनूराम किसी भी चुनाव में एक भी रुपया खर्च नहीं करते हैं। उन्होंने एक बार राष्ट्रपति पद के लिए भी नामांकन किया था, लेकिन पर्चा निरस्त हो गया।
खेरागढ़ के ग्राम नगला दूल्हे के रहने वाले हसनूराम का जन्म देश की आजादी के दिन यानि 15 अगस्त, 1947 को हुआ था। वह तहसील में वर्ष 1984 तक सरकारी अमीन थे। हसनूराम ने वर्ष 1985 से लेकर अब तक हर विधानसभा, लोकसभा, पंचायत के अलावा एमएलसी, सहकारी बैंक के लिए चुनाव लड़ा है। आगरा ग्रामीण से 12 बार, खेरागढ़ विधानसभा से 12 बार, फतेहपुर सीकरी विधानसभा से छह बार चुनाव लड़ चुके हैं। वह अब तक कुल 98 बार चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। अब हसनूराम ने फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट से 99वीं बार और आगरा सुरक्षित सीट से 100वीं बार नामांकन दाखिल करने के लिए नामांकन पत्र लिए हैं।
हसनूराम शुरुआत में एक पार्टी से जुड़े हुए थे। पार्टी में जिम्मेदारी मिली तो उसी दौरान चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से टिकट मांगा। हसनूराम का कहना है कि टिकट देने की बजाय उन्होंने मेरा मजाक उड़ाया। कहा कि तुम्हें तो तुम्हारी लुगाई भी वोट नहीं देगी। तब से ही हसनूराम को चुनाव लड़ने की धुन सवार हो गई। पहला चुनाव फतेहपुरसीकरी सीट से निर्दलीय लड़ा था। 17,711 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। हसनूराम बताते हैं कि जो लोग किसी भी पार्टी से खुश नहीं हैं। उनका वोट उन्हें मिलता है। अब वह 100 बार हारने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं।
पेशे से किसान और मनरेगा मजदूर हसनूराम ने चुनाव लड़ने के लिए फंड बना रखा है। उस फंड में हर रोज रुपये डालते हैं। नामाकंन प्रक्रिया में होने वाले खर्च के अलावा एक रुपया भी चुनाव में खर्च नहीं करते हैं। उनके घर में पत्नी शिव देवी और पांच बेटे हैं।
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