आगरा से जैसलमेर तक मिले बड़ी साजिश के तार, वियतनाम और चीन भेजे जाने थे एक्टिव सिम
आगरा, 18 मार्च। एक्टिव सिम कार्ड विदेश भेजे जाने के रैकेट के खुलासे के साथ ही पुलिस को जानकारी मिली है कि हर एक्टिव सिम कार्ड के बदले 1300 रुपये मिलने वाले थे। हैरानी की बात यह है कि यह सारा पैसा चाइनीज क्रिप्टोकरेंसी के तहत आना था। भारत सरकार पहले ही चीनी क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर चुकी है।
गौरतलब है कि ताजनगरी की एक जूता फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के नाम से एक्टिव सिम कार्ड चीन और वियतनाम ले जाए जा रहे थे। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इस मामले का खुलासा हो गया। कार्गो टर्मिनल से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से जियो और वीआई कंपनी के सैकड़ों एक्टिव सिम कार्ड मिले। ये सिम कार्ड किसी गैरकानूनी कार्य में इस्तेमाल किए जाने की साजिश थी। पकड़े गए तीन आरोपी उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के रहने वाले हैं। चौथा आरोपी राजस्थान के जैसलमेर का रहने वाला है।
अधिकांश सिमकार्ड यहां लोहामंडी इलाके के आसपास के रहने वाले लोगों के नाम से हैं। प्राथमिक जांच में पता चला है कि लोहामंडी के रहने वाले मुकुल कुमार ने अपनी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के नाम पर यह सिम कार्ड लिए थे। मुकुल कुमार की लोहा मंडी में जूता फैक्ट्री है। फैक्ट्री में जो मजदूर काम कर रहे हैं उन्हें 200 रुपये का लालच देकर उनके नाम से यह सिम कार्ड खरीदे गए थे।
जब मुकुल से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसने 300 रुपये के हिसाब से सभी सिम कार्ड आगरा के ही रहने वाले जगदीशपुर निवासी हेमंत कुमार और कन्हैया को भेज दिए थे। जब पुलिस ने कन्हैया और हेमंत से पूछताछ की गई तो पता चला कि इन्होंने सभी सिम कार्ड 500 रुपए के हिसाब से राजस्थान के जैसलमेर में रहने वाले अनिल कुमार को बेचे थे। पुलिस ने मुकुल कुमार, हेमंत कुमार, कन्हैया और अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
इसके पीछे क्या साजिश हो सकती है इसका पता लगाने के लिए अब एजेंसियां इसका पता लगाने में जुटी हुई है।पूछताछ में अभियुक्तों से यह भी पता चला कि टेलीग्राम एप के जरिए कुछ लोग इनके संपर्क में आए थे। इन लोगों ने एक्टिव सिम कार्ड मांगे थे। इन सिम कार्ड का इस्तेमाल फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए किया जाना था। पकड़े गए सभी आरोपियों ने फिलहाल यही बयान दिया है। अब जांच एजेंसियां इनसे पूछताछ कर रही है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं।
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